कपिल के पागलपन ने वर्ल्ड कप जितायाः श्रीकांत
१६ जुलाई २०१०कृष्णामाचारी श्रीकांत वेस्ट इंडीज़ में वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के प्रमुख खिलाड़ियों में थे. वर्ल्ड कप के दौरान टीम इंडिया ने वेस्ट इंडीज़ को फाइनल समेत दो बार हराया. श्रीकांत का कहना है कि कई खिलाड़ियों ने तो अमेरिका में छुट्टी मनाने के लिए टिकटें भी बुक करवा ली थीं क्योंकि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि टीम ग्रुप मैचों से आगे जा पाएगी. योजना ये बन रही थी कि फाइनल और सेमी फाइनल देखने के बाद अमेरिका चलेंगे छुट्टी मनाने के लिए. खुद श्रीकांत ने भी बीवी समेत मुंबई-लंदन-न्यूयॉर्क की बुकिंग करा रखी थी. श्रीकांत के ट्रैवेल एजेंट ने कहा कि वो शादीशुदा हैं इसलिए अपनी बीवी को भी साथ ले जा सकते हैं.
श्रीकांत का कहना है कि तब तक भारत की टीम बहुत औसत दर्जे की ही मानी जाती थी. 1983 से पहले वर्ल्ड कप में हमें केवल एक मैच में जीत मिली थी. ये जीत भी पूर्वी अफ्रीका के खिलाफ मिली थी जिसका कोई नाम ही नहीं जानता था. ऐसे में ग्रुप मुकाबलों से ही आगे जाने की उम्मीद नहीं थी ट्रॉफी की तो बात ही छोड़िये. हालांकि तब भी कपिलदेव काफी संजीदा थे. कपिल देव के खुद और टीम पर भरोसे ने बहुत काम किया जिसके बलबूते भारत वेस्ट इंडीज की मजबूत टीम को टक्कर दे पाया. कपिलदेव ने खिलाड़ियों से कहा, 'हमने वेस्टइंडीज को 1971 में हराया है इसलिए हम उसे पहले ग्रुप मैच में हरा सकते हैं बस दिल से खेलो हम ये कर सकते हैं.' कपिल की बात पर सभी खिलाड़ियों ने कहा कि कपिल पागल हो गए हैं. आखिरकार वेस्ट इंडीज़ की टीम में गॉर्डन ग्रीनीज़ और डेसमंड हायंस जैसे सलामी बल्लेबाज़ हैं. इसके बाद विवियन रिचर्ड्स, लैरी गोम्स, जेफ डुजॉन और चार तेज गेंदबाज हैं. श्रीकांत कहते हैं, 'मैं तो उनसे भि़ड़ना ही नहीं चाहता था.' मैच से पहले मीटिंग में कपिल ने कहा हम उन्हें हरा सकते हैं और आखिरकार हमने उन्हें हरा भी दिया. यही जीत सारे खिलाड़ियों के मन में जोश भर गई और वो फाइनल तक जीतते चले गए. ये जीत वनडे मैचों में टीम इंडिया के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ.
श्रीकांत कहते हैं कि देश में दूसरा कपिल कभी पैदा नहीं हो सकेगा बल्कि इस मामले में तो पूरी दुनिया में भी.
रिपोर्टः एजेंसियां/ एन रंजन
संपादनः महेश झा