कम सोने से बढ़ जाता है वजन
१६ मई २०११इस अध्ययन में कहा गया है कि कम सोने से वजन बढ़ सकता है. और इसकी वजह सिर्फ यही नहीं है कि जगे रहने से भूख भी लगती है, बल्कि चयापचय धीमा होने से कैलरी खर्च होने की रफ्तार घट जाती है, शरीर को कम ऊर्जा की जरूरत होती है.
इसमें सुझाव देते हुए कहा गया है कि पर्याप्त मात्रा में नींद के जरिये मोटापे की रुझान घटाई जा सकती है. शोध टीम का नेतृत्व करने वाले स्वीडन के उपसाला यूनिवर्सिटी के क्रिस्टियान बेनेडिक्ट कहते हैं, "हमारे परिणाम दिखाते हैं कि एक रात न सोने पर एक स्वस्थ इंसान के शरीर में ऊर्जा की खपत दरअसल घट जाती है, जिससे इस निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है कि ठीक से सोने से दिन के दौरान ऊर्जा की खपत को संतुलित किया जा सकता है."
इससे पहले भी कुछ अध्ययनों में नींद में कमी के साथ मोटापे के रिश्तों की ओर संकेत किया जा चुका है. सटीक रूप से इसका पता लगाने के लिए बेनेडिक्ट व उनकी टीम ने यूनिवर्सिटी के 14 पुरुष छात्रों को कई दिनों तक कम सोना, सारी रात जागना या सामान्य रूप से सोना जैसे सोने के अलग अलग रूपों में जांचा. इस दौरान उनकी खुराक, ब्लड शुगर की मात्रा, हॉर्मोन के स्तर व चयापचय की दर की जांच की गई. उन्होंने पाया कि एक रात जागने के बाद ही चयापचय पर असर पड़ता है व सांस लेने व भोजन पचाने के दौर में ऊर्जा की खपत में 5 से 20 फीसदी तक कमी होती है.
नींद ठीक से न होने पर सुबह ब्लड शुगर, भूख नियंत्रित करने वाले हॉर्मोन घ्रेलीन व तनाव बढ़ाने वाले हॉर्मोन कोर्टिजोल की मात्रा बढ़ जाती है. कई अध्ययनों में देखा गया है कि पांच घंटे तक या उससे कम सोने वालों में वजन बढ़ने की रुझान देखी जा सकती है. लेकिन इन दोनों के बीच सीधे रिश्ते पर स्पष्ट परिणाम अब तक सामने नहीं आए हैं.
बोस्टन मेडिकल सेंटर के सैनफोर्ड आउअरबाख का कहना है कि नींद न होना एक जटिल सवाल है. इस पर दवाइयों व अन्य कारकों का भी असर होता है. उनकी राय में नए अध्ययन को इन सबकी पृष्ठभूमि में देखना चाहिए. आउअरबाख कहते हैं, "हम नींद में कमी के आदी होने लगते हैं और इनमें से कुछ आदतें मोटापे को बढ़ावा दे सकती हैं."
अमेरिका के नेशनल स्लीप फाउंडेशन की सलाह है कि वयस्क लोगों को हर रात सात से नौ घंटे तक सोना चाहिए.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादनः एमजी