करजई को ओबामा की खरी खरी
२९ मार्च २०१०ओबामा ने करजई से कहा कि सभी मोर्चों पर प्रगति की कोशिशें जारी रखें. ओबामा बगराम में अमेरिकी सैनिकों से भी मिले. अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ अमेरिकी नेतृत्व वाली लड़ाई का यह नौवां साल चल रहा है. इस अभियान में विदेशी सैनिकों की मौतें अमेरिकी और नैटो के लिए चिंता का सबब हैं, लेकिन तालिबान की कमर अब तक नहीं टूटी है.
ओबामा ने कहा कि इस लड़ाई का अंजाम तक पहुंचना बहुत जरूरी है. उनके मुताबिक, "यह लड़ाई हमने नहीं चुनी. हम पर तो 11 सितंबर को घातक हमला हुआ. अगर ये क्षेत्र फिर से तालिबान के हाथ में चला गया तो अल कायदा बिना रोकटोक काम कर सकेगा. इस तरह और ज्यादा अमेरिकियों की जान दाव पर होगी." अभी अफगानिस्तान में 1 लाख 26 विदेशी सैनिक तैनात हैं जिनकी संख्या इस साल अगस्त तक बढ़कर डेढ लाख होने का अनुमान है.
उधर अमेरिकी सेना प्रमुख माइक मुलैन ने कहा है कि अगर करजई भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए कदम उठाने में नाकाम रहते हैं तो सारी रणनीति बेकार हो जाएगी. इस बीच जर्मन गृह मंत्री थोमास डे माजिएर अफग़ानिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं जहां देश के सुरक्षा बलों की ट्रेनिंग को बेहतर बनाने के बारे में अफगानी गृह मंत्री हनीफ एत्मार हिकमतयार और नैटो सेनाओं के कमांडर जनरल स्टेनली मैकक्रिस्टल से उनकी बातचीत हुई है. जर्मन गृह मंत्री ने माना कि ट्रेनिंग की कोशिशें अभी तक कामयाब नहीं हुई हैं लेकिन कोशिशें बढ़ाई जाएं तो हालात बेहतर हो सकते हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः महेश झा