'कलमाड़ी के दावों का ठोस जवाब दिया जाएगा'
३ अगस्त २०१०सोमवार को उच्चायोग के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि इस मामले को पूरी तत्परता से देखा जा रहा है. आने वाले दिनों में इस बारे में और जानकारी मुहैया कराई जाएगी. उच्चायोग ने बयान जारी कर कहा, ''पहली अगस्त 2010 को कॉमनवेल्थ खेल आयोजन समिति ने कार, वैन और अन्य बातों को लेकर उच्चायोग की सिफारिश के जो दावे किए हैं, उन पर पैनी नजर रखी जा रही है. आगे इस मामले में जानकारी मुहैया कराई जाएगी.''
कॉमनवेल्थ खेलों की तैयारी में भारी धांधली का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मुश्किल में घिरे कलमाड़ी ने लंदन के भारतीय उच्चायोग को भी बीच में घसीट दिया है. दरअसल लंदन में कॉमनवेल्थ खेलों की मशाल दौड़ाने के नाम पर कॉमनवेल्थ खेल आयोजन समिति ने करोड़ों रुपये फूंक दिए. बिना करार के एक ब्रिटिश फर्म को सामान मुहैया कराने और फोटो-वीडियोग्राफी कराने का ठेका दे डाला.
ब्रिटिश फर्म को हर सेवा के लिए पैसा बाजार मूल्य से कई गुना ज्यादा कीमत चुकाई गई. बाद में इस पैसे पर टैक्स छूट भी पानी चाही, लेकिन यहीं से सारा मामला सामने आ गया.
विवाद गहराने पर कलमाड़ी ने कहा कि बिना करार के ब्रिटिश फर्म को भारतीय उच्चायोग की सिफारिश पर ठेका दिया गया. भारतीय उच्चायोग इससे इनकार कर रहा है. कलमाड़ी का आरोप है कि उच्चायोग के राजू सबेस्टियन ने यह सिफारिश की थी. सवाल यह भी उठ रहे हैं कि कॉमनवेल्थ खेल समिति ने राजू सबेस्टियन जैसे आम कर्मचारी की सिफारिश किस आधार पर मानी.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: आभा एम