कसाब पर हाई कोर्ट का फैसला आज
२१ फ़रवरी २०११सरकारी और बचाव पक्ष के वकीलों का कहना है कि भारत के वक्त से सुबह 11 बजे से इस मामले पर फैसला आना शुरू हो जाएगा. बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला मुंबई के आतंकवादी हमलों के लगभग 27 महीने बाद आ रहा है.
पिछले साल मई में मुंबई की निचली अदालत ने कसाब को 2008 में मुंबई के आतंकवादी हमलों का दोषी पाया, जिसमें 166 लोगों की जान गई थी. तब अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई, जिसके खिलाफ कसाब ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील की. सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने रविवार को उम्मीद जताई कि कसाब की मौत की सजा बरकरार रहेगी.
उधर, कसाब की वकील फरहाना शाह ने कहा, "इंशाल्लाह, हम अच्छे की दुआ कर रहे हैं लेकिन फैसला तो अदालत को करना है."
नवंबर, 2008 में मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले के बाद सिर्फ कसाब को पकड़ा जा सका था, जबकि उसके नौ साथी मारे गए. इसके बाद कसाब पर मुकदमा चला और उसे भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने सहित कई मामलों में दोषी पाया गया. उसे मुंबई में गहरी सुरक्षा के बीच आर्थर रोड जेल में रखा गया है.
कसाब पर पिछले साल 11,000 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया गया. हालांकि उसके वकीलों ने अपील की कि मामले की दोबारा सुनवाई की जानी चाहिए क्योंकि वकीलों को केस तैयार करने के लिए पर्याप्त वक्त नहीं दिया गया. उनका यह भी दावा था कि सरकारी वकील और गवाह गलत बयान दे रहे हैं.
अगर हाई कोर्ट भी कसाब को मौत की सजा देती है, तो वह सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है. उसके बाद उसकी याचिका भारत के राष्ट्रपति के पास जा सकती है.
आज ही भारत के उन दो नागरिकों पर भी फैसला आ सकता है, जिन्हें इस मामले में बरी कर दिया गया है. हालांकि सरकारी वकील का कहना है कि उनके खिलाफ मामला बनता है.
मुंबई हमलों के सिलसिले में ही अमेरिका में पाकिस्तानी मूल के नागरिक डेविड हेडली को गिरफ्तार किया गया है. नवंबर, 2008 में भारत के दो लक्जरी होटलों, रेलवे स्टेशन तथा एक यहूदी ठिकाने पर हमला किया गया, जिसमें 166 लोग मारे गए. भारत का आरोप है कि हमला पाकिस्तान में तैनात आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा की शह पर हुआ. कसाब के पाकिस्तानी नागरिक होने की पुष्टि हो चुकी है.
रिपोर्टः एएफपी/ए जमाल
संपादनः एमजी