कहने वालों से ज्यादा हैं मजे लेने वाले
२२ अक्टूबर २०१०गुरुवार को जारी की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी के कंप्यूटर पर फेसबुक या अन्य सोशल नेटवर्किंग साइटें खोलने वाले लोगों की तादाद तो बहुत ज्यादा है. लेकिन उनमें से 88 फीसदी लोग ऐसे हैं जो छिपकर रहते हैं और बस यही देखते हैं कि और लोग क्या कर रहे हैं.
इस रिपोर्ट में सामने आया कि फेसबुक पर लोकप्रिय गेम जैसे 'फार्मविले' वगैरह खेलने वालों की संख्या ज्यादा नहीं है. कुल ट्रैफिक का सिर्फ पांच फीसदी ही सोशल गेम्स खेलने में वक्त बिताता है. और टिप्पणियां करने वाले तो और भी कम हैं. महज 1.4 फीसदी लोग ऐसे हैं जो सोशल नेटवर्क पर टिप्पणी करते हैं या कुछ अपडेट डालते हैं.
पाओलो ऑल्टो नेटवर्क्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "दूसरों को देखकर मजा लेने के खतरे उत्पादकता के नुकसान के रूप में सामने आते हैं. इससे वायरस पर क्लिक कर देने की संभावना भी बढ़ती है."
फेसबुक पर टिप्पणी करने वाले कम हैं लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के बारे में सोशल नेटवर्किंग पर बात करने के खतरे फिर भी कम नहीं हैं. रिपोर्ट कहती है, "फेसबुक पोस्ट की कम संख्या से भी अपने काम, नए प्रोजेक्ट, यात्रा की योजनाओं या कंपनी के हालात के बारे में बातें करने के खतरे कम नहीं होते."
दुनिया की बहुत सारी कंपनियां इंटरनेट पर बढ़ती सोशल नेटवर्किंग को एक परेशानी के रूप में देखती हैं. वे इसके जरिए पैदा होने वाले खतरों की चुनौतियों से निपटने के हल तलाश रही हैं. पाओलो ऑल्टो नेटवर्क्स के मार्केटिंग उपाध्यक्ष रेने बॉनवानी कहते हैं, "आईटी टीमें अपनी कंपनियों में नियंत्रण के तरीके खोज रहे हैं."
कुछ वक्त पहले आई एक रिपोर्ट में कहा गया कि दफ्तरों में बढ़ती सोशल नेटवर्किंग की वजह से उत्पादकता में सालाना हजारों करोड़ डॉलर का नुकसान हो जाता है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ओ सिंह