क़साब का इक़बाले जुर्म दर्ज, चलता रहेगा मुक़दमा
२३ जुलाई २००९विशेष जज एमएल तहलियानी ने कहा कि अदालत इस फ़ैसले पह पहुंची है कि कस़ाब के बयान को रिकॉर्ड में शामिल कर लिया जाए और समय आने पर इस पर एक सबूत के तौर पर विचार किया जाए. अदालत ने सरकारी वकील को मुक़दमा जारी रखते हुए चश्मदीदों को पेश करने को भी कहा है.
20 जुलाई को अचानक क़साब ने मुंबई हमलों में अपना जुर्म क़बूल लिया. इसके बाद बुधवार को उसने यह भी कह डाला कि वह इस दुनिया में किए जुर्म की सज़ा यहीं चाहता है और फांसी पर लटकने को तैयार है. जज ने गुरुवार की सुनवाई के दौरान क़साब से कहा, "आपके ऊपर 86 आरोप तय किए गए हैं. आपने सब नहीं क़बूले हैं, लेकिन गुनाह क़बूल किया है. इसलिए अदालत ने फ़ैसला लिया है कि यह केस चलेगा." क़साब ने अदालत के आदेश पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. बस इतना कहा, "ठीक है."
सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने कहा कि अदालत ने उनके इस पक्ष को मान लिया है कि क़साब ने पूरी घटना की ज़िम्मेदारी न लेते हुए सिर्फ़ आंशिक रूप से अपनी ज़िम्मेदारी क़बूली है. उन्होंने मामले को आगे चलाने की भी पैरवी की थी. उधर मामले के एक और नाटकीय मोड़ के तहत क़साब के वकील अब्बास काज़मी ने कहा है कि वह इस केस से हटना चाहते हैं. उन्होंने अदालत से कहा कि उनके मुव्वकिल को उन पर विश्वास नहीं रहा है.