काम की नहीं नाम की होगी बातचीत
६ अप्रैल २०१२पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी रविवार को भारत पहुंचेंगे. 2005 के बाद से भारत आने वाले वह पाकिस्तान के पहले राष्ट्रपति हैं. जरदारी से पहले परवेज मुशर्रफ ने भारत का दौरा किया था और वह भी अजमेर शरीफ गए थे. जरदारी केवल एक दिन के लिए भारत में रहेंगे. रविवार को वह पहले नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात करेंगे. सिंह के साथ दोपहर के खाने के बाद वह अजमेर शरीफ के लिए रवाना होंगे.
जरदारी के दौरे के बारे में इसी हफ्ते मीडिया में खबरे छपनी शुरू हुई. दोनों ही देशों ने इसे जरदारी के निजी दौरे का नाम दिया है. जानकार इसे भारत और पाकिस्तान के सुधरते हुए रिश्तों में एक महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं. पर साथ ही ऐसा भी कहा जा रहा है कि जरदारी और मनमोहन सिंह की बैठक से नाजुक मुद्दों पर किसी हल की उम्मीद नहीं की जा सकती. 2008 में मुंबई हमलों के बाद से दोनों देशों के रिश्ते बेहद खराब रहे हैं.
सुधर रहे हैं रिश्ते
विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने कहा कि मुद्दे तो होंगे ही, लेकिन उन पर कितनी चर्चा होगी यह कहना मुश्किल है, "आखिरकार यह जरदारी का निजी दौरा है. मुझे नहीं लगता कि उनके पास मुद्दों पर बारीकी से चर्चा करने का समय होगा." पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त जी पार्थसारथी का इस बारे में कहना है, "जरदारी ने भारत जाने की इच्छा व्यक्त की क्योंकि वह अजमेर शरीफ आना चाहते थे और ऐसे में सही यही होता कि हम राजधानी में उनका स्वागत करें." समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में उन्होंने कहा, "बातचीत होगी और मैं उम्मीद करता हूं कि प्रधानमंत्री आतंकवाद और ऐसे ही दूसरे संवेदनशील मुद्दों को उठाएंगे. 2008 में रिश्ते बहुत ही बुरे दौर में थे, अब वे बेहतर हो गए हैं."
जरदारी अपने परिवार और स्टाफ के चालीस सदस्यों के साथ भारत पहुंचेंगे. इस दल में गृह मंत्री रहमान मालिक भी उनके साथ होंगे. जानकारों का मानना है कि रहमान मालिक का जरदारी के साथ आना उनकी यात्रा को आधिकारिक बना देता है. पाकिस्तान में राजनीतिक मामलों के जानकार हसन असकरी ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा,"जरदारी चाहते तो सीधे अजमेर जा कर लौट भी सकते थे, लेकिन वह मनमोहन सिंह से मुलाकात कर रहे हैं. यह उनकी यात्रा को महत्वपूर्ण बना देता है, भले ही वह इसे अनौपचारिक कहें." अस्करी ने कहा कि इस से यह पता चलता है कि रिश्ते अच्छी स्थिति में हैं, नहीं तो प्रधानमंत्री इसे नजरअंदाज भी कर सकते थे.
अमेरिका का फायदा
अमेरिका ने भी जरदारी की यात्रा का स्वागत किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा, "हमें लगता है कि जरदारी की भारत यात्रा रचनात्मक होगी इसलिए हम पूरी तरह इसके हक में हैं." पत्रकारों से बातचीत में उन्होने कहा, "हमारे लिए यह हर हाल में फायदेमंद है कि भारत और पाकिस्तान एक दूसरे से बातचीत कर रहे हैं और सहयोग की कोशिश कर रहे हैं." उन्होंने कहा कि अमेरिका नहीं चाहता कि हाफिज सईद के मामले का जरदारी और मनमोहन सिंह की मुलाकात पर कोई असर पड़े. अमेरिका ने सोमवार को हाजिफ सईद पर एक करोड़ डॉलर के इनाम की घोषणा की. हाफिज सईद को 2008 के मुंबई हमलों का दोषी माना जाता है. टोनर ने इस बारे में कहा, "हम यहां कोई कूटनीतिक खेल नहीं खेल रहे. हम सिर्फ इस व्यक्ति पर कार्रवाई करना चाहते हैं."
आईबी/एएम(एएफपी, पीटीआई)