कारोबार से संन्यास लेंगे रतन टाटा
३ जुलाई २०१०टाटा ग्रुप में रिटायरमेंट की उम्र 75 साल है और रतन टाटा भी अब उम्र के इस पड़ाव की ओर बढ़ रहे हैं. उनका रिटायरमेंट दिसंबर 2012 में होना है. लेकिन शुक्रवार को उन्होंने संकेत दिए कि वह समय से पहले संन्यास लेंगे.
उन्होंने साफ किया कि उनकी खातिर भी कंपनी के नियम नहीं बदले जाएंगे. टाटा कंसल्टेंसी की सालाना बैठक में उन्होंने कहा, ''मैं भी इंसान हूं. मुझे भी जाना ही है और किसी और को मेरी जगह आने का मौका मिलना चाहिए.''
इसी हफ्ते रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन का अध्यक्ष बनाया गया. नोएल की नियुक्ति के बाद यह अटकलें लगने लगी थी कि वह टाटा समूह के अगले प्रमुख होंगे. इस खबर को लेकर शेयरधारकों में भी हलचल मची हुई थी.
शेयरधारकों के साथ बैठक के दौरान ही किसी शेयरधारक ने रतन टाटा से इस संबंध में जवाब मांगा. हालांकि उन्होंने अब भी नोएल की नियुक्ति को लेकर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है.
वैसे टाटा ग्रुप की पहचान माने जाने वाले रतन टाटा पहले भी कह चुके हैं कि, ''नैनो के लॉन्च होने के बाद रिटायर होने के लिए एक बढ़िया समय होगा. हालांकि मेरे पास अभी भी समय बचा है लेकिन मुझे उत्तराधिकारी भी चुनना है.''
वैसे रतन टाटा की छवि अपनी बात पर कायम रहने वाले व्यक्ति की है. उन्होंने ही एलान किया था कि नैनो की कीमत एक लाख रुपये की होगी. सिंगूर विवाद और स्टील की कीमतें बढ़ने के बावजूद टाटा ने कहा, ''वादा तो वादा है.''
तमाम मुश्किलों के बावजूद नैनो लॉन्च हुई और उसकी कीमत भी एक लाख रुपये ही रखी गई. टाटा समूह का कारोबार 71 अरब अमेरिकी डॉलर का है. कंपनी को भारतीय वाहन और स्टील बाजार का सबसे बड़ा खिलाड़ी माना जाता है.
कंपनी को इस मुकाम तक पहुंचाने में रतन टाटा का बड़ा योगदान रहा है. नैनो उन्हीं का सपना था. नैनो जैसी लखटकिया कार बनाने वाली टाटा मोटर्स ही लैंड रोवर और जैगुआर जैसी महंगी गाड़ियां भी बेचती है.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: एस गौड़