किंग ऑफ़ पॉप माइकल जैकसन की याद
२५ जून २०१०पॉप संगीत की दुनिया के इस फ़रिश्ते को गुज़रे एक साल हो गया. पिछले साल सारी दुनिया में उनके अलबम की तीन करोड़ दस लाख से अधिक प्रतियां बिकीं. दिस इज़ इट नामक फ़िल्म से आय 40 करोड़ डालर तक पहुंची. बिलबोर्ड के अनुसार पिछले साल जैकसन के संगीत व उससे संबधित चीज़ों का व्यापार एक अरब डालर से अधिक रहा. हो सकता है कि अमेरिका में एल्विस प्रेस्ली या जॉन लेनन की लोकप्रियता उनके आसपास हो, लेकिन दुनिया के पैमाने पर कोई दूसरा कलाकार इस चोटी तक नहीं पहुंचा है.
आज सारे टीवी चैनल उन्हें समर्पित कार्यक्रमों से भरे होंगे. माइकल जैकसन के 50 सालों की याद करते हुए टोक्यो में पचास फ़ैन रात भर खुले आसमान के नीचे सोएंगे, फ़िलिपीन में सेबू जेल में क़ैदी उनके म्यूज़िक की तालों पर थिरकेंगे, उनके परिवार के नगर गैरी में उनकी मां कैथरीन जैकसन उस छोटे से घर के सामने एक स्मारक का उद्घाटन करेंगी, जहां माइकल सहित जैकसन परिवार के पांच बच्चों ने संगीत की दुनिया में क़दम रखे थे. वी आर द वर्ल्ड - दुनिया हम हैं - इस गीत के साथ कार्यक्रम ख़त्म होगा. बच्चे प्रिंस माइकल, पेरिस और ब्लैंकेट गैरी में अपने घर में निजी तौर पर इस दिन को मनाएंगे. उनकी बेटी कहती है, आप सोच नहीं सकते, वे कितने अच्छे डैडी थे. माइकल जैकसन को अपने बच्चों से बहुत प्यार था.
माइकल की मां कैथरीन जैकसन उनकी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए बने माइकल जैकसन एस्टेट को चलाती हैं. वहां कोई बड़ा प्रोग्राम नहीं हो रहा है. विरासत से माइकल के पिता जो को अलग रखा गया था. वे बेवरली होटल में फ़ॉरएवर माइकल नाम से हो रहे प्रोग्राम में मदद करेंगे. वहां फ़ैमिली फ़ोटोग्राफ़ की एक किताब बेची जाने वाली है, जिसका नाम है नेवर कैन से गुडबाई, कभी अलविदा न कहना.
रिपोर्ट: उज्ज्वल भट्टाचार्य
संपादन: राम यादव