किम जोंग उन को सत्ता भी और मौका भी
१९ दिसम्बर २०११अपने पिता किम जोंग इल की तरह किम जोंग उनके सीधे सीधे वारिस नहीं हैं. बल्कि वह किम के तीसरे और सबसे छोटे बेटे हैं. किम जोंग इल ने जब सत्ता संभाली थी, दुनिया तब भी हैरान रह गई थी क्योंकि तब किम पर्दे के पीछे रहने वाले एक शातिर नेता समझे जाते थे. लेकिन 28 साल के स्विट्जरलैंड में पढ़ाई करने वाले किम जोंग उन के सामने बिलकुल दूसरी तरह की चुनौतियां हैं.
जिस तरह से किम जोंग इल के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी, उसी तरह उनके बेटे और उत्तर कोरिया के नए शासक किम जोंग उन के बारे में कोई नहीं जानता. उनकी जन्मतिथि भी नहीं. बताया जाता है कि वह 1983 या 1984 में पैदा हुए. पढ़ाई के लिए जोंग उन विदेश चले गए यानी अपने देश का उन्हें वह अनुभव नहीं, जो उनसे पहले उनके पिता या दादा को था.
दादा, बाप और बेटा
कोरिया के विभाजन और नए राष्ट्र के निर्माण में पूरी तरह समर्पित किम जोंग उन के दादा किम इल सुंग ने 46 साल तक देश की बागडोर संभाली. उनके नेतृत्व में उनके बेटे किम जोंग इल को राजनीतिक और कूटनीतिक बारीकियों को समझने का काफी मौका मिला और जोंग इल ने भी जब सत्ता संभाली, तब वह 53 साल के थे और उनके पास अच्छा खासा अनुभव था.
जहां तक उनके उत्तराधिकारी का सवाल है, किम जोंग उन के दो बड़े भाई हैं लेकिन उनके पिता ने सत्ता उन्हें सौंपने का फैसला किया. इस वजह से दो साल पहले उन्हें पार्टी में भारी भरकम जिम्मेदारी दी गई. उन्हें जनरल का ओहदा दे दिया गया. लेकिन वास्तव में शायद किम जोंग इल को भी अपने इस बेटे पर बहुत ज्यादा भरोसा नहीं था और उन्हें लगता था कि इस उम्र में जोंग उन को मदद की जरूरत पड़ सकती है.
एक तरह से पारिवारिक सत्ता की तरह चल रही उत्तर कोरिया की कमान अगर सीधे तौर पर किम जोंग उन के हाथों में न भी जाए, तो भी मुश्किल नहीं दिख रही है. किम जोंग इल की बहन किम क्योंग हुई और उनके बहनोई जांग सोंग थेक सीधे तौर पर सत्ता से जुड़े हैं. वे बहुत शक्तिशाली नेता हैं और जब उत्तर कोरिया की कम्युनिस्ट पार्टी की पिछली बैठक हुई, तब उनका ओहदा बढ़ा दिया गया.
सत्ता कहीं और
दक्षिण कोरिया के पूर्व एकीकरण मंत्री ज्योंग से हुआन कहते हैं, "हो सकता है कि जांग केयरटेकर के तौर पर काम कर सकते हैं." इससे पहले किम जोंग इल को 2008 को दिल का दौरा पड़ा था. उसके बाद 65 साल के जांग को राष्ट्रीय रक्षा कमीशन का उपाध्यक्ष बना दिया गया था. हालांकि इससे पहले का उनका करियर बहुत अच्छा नहीं है. 2004 में उन पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे, जिसके बाद उन्हें स्टील मिल में मजदूर के तौर पर काम करना पड़ा.
नए शासक किम जोंग उन की बुआ किम क्योंग हुई भी सत्ता के केंद्र में बनी रहेंगी, जो इस वक्त हल्का उद्योग मंत्रालय देख रही हैं. इस पूरे घटनाक्रम में उत्तर कोरिया के कुछ सेना प्रमुख भी अहम भूमिका निभाएंगे और देश के भविष्य के फैसलों के लिए जिम्मेदार होंगे.
तजुर्बा तो नहीं
जहां तक 28 साल के किम जोंग उन के राजनीतिक करियर का सवाल है, उन्हें ज्यादा तजुर्बा नहीं. उनके सत्ता संभालने के साथ ही सवाल उठने लगे हैं कि 60 से ज्यादा परमाणु हथियारों से संपन्न उत्तर कोरिया क्या इनको सुरक्षित रख पाएगा और क्या सीमा पर अचानक पैदा हो गए तनाव को झेल पाएगा. लेकिन जो चीज उनके हक में जा सकती है, वह है उनका अंतरराष्ट्रीय आयाम. विदेशों में पढ़ाई करने और पश्चिमी जगत को समझने वाले किम जोंग उन देश में क्रांतिकारी बदलाव लाकर उत्तर कोरिया को 21वीं सदी में प्रवेश करा पाएंगे.
परमाणु हथियारों और पारिवारिक सत्ता के अलावा गरीबी भी उत्तर कोरिया के लिए बड़ी समस्या है. अपने जुड़वां देश दक्षिण कोरिया के मुकाबले उत्तर कोरिया का प्रति व्यक्ति आय 17 गुना कम है और पश्चिमी मीडिया के मुताबिक कई घरों में चूल्हा जलाने तक का संसाधन नहीं है. किम जोंग इल की मौत के बाद जब सरकारी न्यूजरीडर यह खबर दे रही थी, तो उसने इस बात का भी ख्याल रखा कि परिवार का रुतबा टूट न जाए और इसीलिए लोगों से जूनियर किम का समर्थन करने की अपील भी कर दी.
रिपोर्टः अनवर जे अशरफ
संपादनः महेश झा