किसे मिलेगा फाइनल का टिकट
३० अप्रैल २०१३जर्मन टीम डॉर्टमुंड के मैनेजर युर्गेन क्लॉप ने जोर देकर कहा है कि फर्स्ट लेग में रियाल की कमर तोड़ देने वाली उनकी टीम सेकेंड लेग में भी तमाशा देखने नहीं बल्कि दिखाने आएगी. रॉबर्ट लेवान्डोव्स्की के धमाकेदार चार गोलों की मदद से रियाल को पस्त करने वाली टीम के मैनेजर को भरोसा है कि उनके खिलाड़ियों ने पिछले कुछ सालों में यूरोप के इस महामुकाबले के लिए इतना अनुभव बटोर लिया है कि इस ऐन मौके पर उनकी सांसें ढीली न पड़ें. क्लॉप ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि हमारे किसी खिलाड़ी ने चैम्पियंस लीग का सेमीफाइनल पहले कभी खेला है लेकिन हमारे लिये यह पिछले साल जर्मन कप के फाइनल जैसा ही है." क्लॉप की टीम ने ग्रुप मुकाबलों में रियाल मैड्रिड से 2-2 का ड्रॉ खेला था.
क्लॉप 2012 के जर्मन कप फाइनल का हवाला देकर याद दिलाते हैं कि उनकी टीम दबाव में भी अच्छा खेलने का माद्दा रखती है. बर्लिन में हुए उस मुकाबले में लेवान्डोव्स्की ने हैटट्रिक की थी. टीम की उम्मीदों के बारे में क्लॉप का कहना है, "आप निश्चित रूप से गेम हार सकते हैं लेकिन आप किस तरह हारे यह ज्यादा जरूरी है.खिलाड़ी केवल अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकते हैं और मुझे इस बारे में कोई संदेह नहीं कि वो ऐसा करेंगे." तीन गोल से आगे डॉर्टमुंड के लिए निश्चित रूप से रणनीति यह होगी कि वह आराम से रहे और हमले के सही मौके का इंतजार करे लेकिन क्लॉप का कहना है कि वो लोग बाहरी मैदान पर गोल करने के फिराक में रहेंगे जिससे कि मुकाबले पर जीत की मुहर लग सके. क्लॉप ने कहा, "हम न तो रक्षात्मक रहेंगे, न ही हमलावर. हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि मैच के दौरान क्या होता है. हमारे पास हमले की अपार क्षमता है और अगर जरूरत पड़ी तो हमारे पास ताकत भी भरपूर है. जरूरी है संतुलन जब हमला होगा तो सारे हमला करेंगे और जब रक्षा करनी होगी तो सब मिल कर रक्षा करेंगे."
अगर डॉर्टमुंड इंग्लैंड के वेंबले में होने वाले फाइनल तक पहुंच जाता है तो महज आठ साल पहले दिवालिएपन की कगार पर पहुंच चुकी टीम के लिए ऐतिहासिक वापसी होगी. अगर रियाल उन्हें बाहर का रास्ता दिखा देता है तो भी क्लॉप उसके लिए तैयार हैं. उनका कहना है, "कुछ साल पहले तक किसी ने नहीं सोचा था कि हम यहां होंगे. हमें जरूरत है कि हम गेम पर ध्यान लगाएं हमने अब तक कुछ भी हासिल नहीं किया है और अभी हम आधे रास्ते तक ही पहुंचे हैं. कुछ ऐतिहासिक होने वाला है हर हाल में चाहे हम जीते या बाहर चले जाएं." क्लॉप का कहना है कि जीत अच्छे खिलाड़ियों की बजाए इस बात से तय होती है कि किस टीम ने सामूहिक रूप से अच्छा खेल दिखाया और यही उनकी जीत का मंत्र होगा.
एनआर/ओएसजे (रॉयटर्स, एएफपी)