किस्मत भी इंग्लैंड को नहीं बचा सकी
२५ जून २०१२कीएव के स्टेडियम में दोनों टीमों को पहले पांच मिनट में गोल करने का एक-एक बेहतरीन मौका मिला. खिलाड़ियों की बॉडी गर्म होने से पहले मिले इस मौके का टीमें लाभ नहीं उठा सकी. इसके बाद तो पूरा मैच इटली की लय बहता रहा. इंग्लैंड ने पूरे मैच में इटली को गोलपोस्ट पर कुल 10 हमले किए. वहीं इटली ने पहले ही हाफ में इंग्लिश टीम के गोलपोस्ट पर 12 ज्यादा हमले किए.
इटली के विवादित स्ट्राइकर मारियो बालोटेली और वर्ल्ड कप विनर खिलाड़ी आंद्रेआ पिरलो ने इंग्लैंड की नाक में दम कर दिया. अकेले बालाटोली ने गोलपोस्ट पर 11 शॉट मारे. इटली ने इंग्लैंड के गोलपोस्ट पर कुल 20 से ज्यादा हमले किए. लेकिन दो घंटे तक चले खेल में भाग्य ने इटली का साथ बिल्कुल नहीं दिया. खेल के दौरान ज्यादातर वक्त गेंद इटली के पास रही, लेकिन टीम गोल न कर सकी.
इंग्लैंड के गोलकीपर जोए हार्ट और डिफेंडरों ने अच्छा बचाव भी किया. इंग्लैंड के आठ खिलाड़ी डिफेंस ही करते रह गए. कभी कभार इंग्लैंड को जवाबी हमला करने का मौका मिला. लेकिन वेन रूनी, जिरार्ड और एस्ले कोल जैसे खिलाड़ियों से सजे इंग्लैंड को हमेशा यह घबराहट भी लगी रही कि इटली ने उल्टा हमला किया तो वे क्या करेंगे. इसी चिंता में इंग्लैंड ढंग से अटैक कर ही न सका.
90 मिनट तक कोई गोल न होने के बाद दोनों टीमों को 15-15 मिनट का अतिरिक्त समय दिया गया. इस दौरान इंग्लैंड के सबसे बड़े खिलाड़ी वेन रूनी ने गोल करने कड़ी कोशिश की लेकिन वह नाकाम रहे. एक्स्ट्रा टाइम में इंग्लैंड ने भी एक दो बेहतरीन मौके भी गंवाएं. दो घंटे तक बेनतीजा रहने के बाद फैसला पेनल्टी शूट में चला गया. पेनल्टी में इंग्लैंड के सामने इटली के कप्तान और गोलकीपर जानलुइजी बुफॉन नाम की दीवार थी.
दोनों टीमों ने एक-एक किक गोलपोस्ट के बाहर मारी. लेकिन इसके बाद इंग्लैंड की एक पेनल्टी को बुफॉन ने अपने पंजों में कस लिया. वहीं इंग्लिश गोलकीपर हार्ट पेनल्टी में कोई गोल न रोक सके. इस तरह चौथी पेनल्टी किक में ही मैच खत्म हो गया. 4-2 से विजयी हुआ इटली सेमीफाइनल में पहुंचा. सेमीफाइनल में बुधवार को स्पेन को पुर्तगाल से और इटली को जर्मनी से भिड़ना है.
हार के बाद इंग्लैंड की प्रेस ने अपनी टीम को खूब लताड़ लगाई है. डेली टेलीग्राफ का कहना है, "इटली और आंद्रेया पिरलो खास तौर से बहुत आगे थे." वहीं गार्डियन का कहना है कि स्वीडन और यूक्रेन जैसी टीमों को हराने के बाद इंग्लिश टीम के सामने कई बातों पर पश्चाताप करने का मौका है.
रिपोर्ट: ओंकार सिंह जनौटी (एएफपी)
संपादन: आभा मोंढे