कुतिये की ख़ातिर 30 लाख डालर
२२ जून २०१०उसकी मालकिन गेइल पोसनर जब तक ज़िंदा थी, तो अपनी प्यारी कोंचिता को हीरे से जड़ा एक नेकलेस पहनाए रखती थी. अब जब उसकी मौत हो गई, तो वह कोंचिता के लिए 30 लाख डालर का एक कोष छोड़ गई है, इसके अलावा नौकर चाकरों के लिए दो करोड़ 70 लाख डालर, ताकि वे एक विशाल महल में रहते हुए उसकी प्यारी कुतिया की देखभाल कर सकें.
गेइल पोसनर के पिता विक्टर पोसनर अपने बच्चों के लिए करोड़ों डालर छोड़ गए थे. शायद एक अरब डालर, ठीक-ठीक किसी को पता नहीं है. चार बच्चों में से गेइल एक थी. गुलाबी उसका प्यारा रंग था, और कोंचिता उसकी ज़िंदगी. एक ड्राइवर कुतिये को सैर के लिए ले जाता था, उसे महंगे से महंगे खाने दिए जाते थे, हीरों से जड़े उसके मुलायम पट्टे की कीमत एक कार से कम नहीं थी, उसे मेडिकेटेड बाथ के लिए ले जाया जाता था, भले ही उसे पसंद हो या न हो.
तीन माह पहले गेइल पोसनर की मौत हो गई थी. 1994 में ही उसकी बेटी टीना की मौत हो गई थी, ड्रग्स लेने की वजह से. लेकिन उसका एक बेटा भी था, ब्रेट कार. उसके लिए वह सिर्फ़ दस लाख डालर छोड़ गई हैं.
ज़ाहिर है कि ब्रेट इस वसीयतनामे से कतई ख़ुश नहीं है. उसका कहना है कि कोई गंभीर प्रभाव में आए बिना वह ऐसा कभी नहीं करती. अब यह गंभीर प्रभाव क्या है, उसने नहीं बताया. मायामी की एक अदालत में वसीयतनामे को चुनौती देते हुए ब्रेट ने एक याचिका दायर की है. अब अदालत को इस पर फ़ैसला लेना है. कोंचिता बनाम ब्रेट, या कुतिया बनाम बेटा. ब्रेट को जितने पैसे मिले हैं, उससे वह अपना पुश्तैनी मकान तक नहीं ख़रीद सकता है, उसकी कीमत है 83 लाख डालर, और नई मालकिन कोंचिता शायद उसे बेचना भी नहीं चाहती है. पता कैसे लगाया जाए?
ब्रेट ने खुद तो ऐसा नहीं कहा है, लेकिन उसके वकील का कहना है कि शायद गेइल पोसनर को कोई दवाई दी गई थी, जिसके असर से उसने ऐसा फ़ैसला लिया. इसलिए ब्रेट को अदालत का दरवाज़ा खटखटाना पड़ा. उसे पुश्तैनी मकान चाहिए, मां के छोड़े हुए नगद डालर चाहिए, और हो सके तो हीरों से जड़ा वह मुलायम पट्टा भी, जो कोंचिता के गले में है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: अनवर जमाल