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कॉमनवेल्थ का काम तेज करो: मनमोहन

३० अगस्त २०१०

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आयोजकों से कहा है कि वे कॉमनवेल्थ खेलों के लिए हो रहे निर्माण कार्य में तेजी लाएं. खेल सिर पर हैं लेकिन कई योजनाएं तय वक्त से काफी पीछे चल रही हैं. दिल्ली की मुख्यमंत्री भी चिंता में डूबी.

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तस्वीर: AP Photo

कॉमनवेल्थ खेलों के लिए हो रहे निर्माण कार्य का मुआयना करने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने काम में तेजी लाने पर जोर दिया. कॉमनवेल्थ खेल 34 दिन बाद होने हैं और अब तक कई योजनाएं लेट लतीफी का शिकार हैं. नई सड़कें, फ्लाईओवर और कुछ मेट्रो प्रोजेक्ट भी समय से पीछे चल रहे हैं. इन चिंताओं को देखते हुए रविवार को प्रधानमंत्री ने कहा, ''लोग कॉमनवेल्थ खेलों के शानदार और त्रुटिहीन शुरुआत की उम्मीद कर रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि बचे हुए काम को तेजी से पूरा किया जाए.'' कॉमनवेल्थ खेल 3 अक्तूबर को शुरू होंगे और 12 दिन तक चलेंगे.

मनमोहन ने जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम का दौरा किया. यहीं उद्धाटन और समापन समारोह होना है, लेकिन काम अब भी पूरा नहीं हुआ है. बीजेपी ने आखिरी समय में हुए प्रधानमंत्री के दौरे की आलोचना की है. पार्टी प्रवक्ता राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा, ''पहले प्रधानमंत्री सोते रहे. हमें लगता है कि अब प्रधानमंत्री अचानक जागे हैं और इंस्पेक्टर बन गए हैं.''

दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने स्वीकार किया है कि जिम्मेदारी को लेकर भ्रम रहा, जिसकी वजह से भी निर्माण कार्य में देरी हुई. एक टीवी चैनल ने उन्होंने कहा, ''कई संस्थाओं के शामिल होने की वजह से खीझ पैदा करने वाली दिक्कतें हुईं.''

भारी बारिश ने करेले पर नीम चढ़ाने का काम अलग से किया है. दिल्ली के कई इलाकों में सड़कों में दो फुट तक पानी भरा हुआ है. बारिश की वजह से अब सड़कों के टूटने की प्रबल आशंका है. ट्रैफिक का हाल भी बुरा है. रविवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री को खुद ढाई घंटे जाम में फंसे रहना पड़ा. बारिश की वजह से निर्माण कार्य में भी दिक्कतें हो रही है. मौसम विभाग का कहना है कि सितंबर में और ज्यादा बारिश होगी.

दिल्ली सरकार अब तक कॉमनवेल्थ खेलों के सफल आयोजन को आधुनिक भारत की नई छवि की तरह पेश करने का वादा कर रही थी. लेकिन अब डर सता रहा है कि खेल कहीं राष्ट्रीय शर्म का प्रतीक न बन जाएं. गैर सरकारी संगठनों का आरोप है कि गरीब मजदूरों को बिना सुरक्षा उपायों के ही निर्माण कार्य में झोंका गया है.

आखिरी समय में फटाफट होते काम ने भी चिंताएं बढ़ा दी हैं. सिविल इंजीनियरिंग से जुड़े लोग आगाह कर रहे हैं कि जल्दबाजी भविष्य में बड़ी दुर्घटनाओं को न्योता दे सकती है. भ्रष्टाचार की बड़ी वित्तीय दुर्घटनाएं तो खेलों से पहले ही हो चुकी है. फिलहाल इनकी जांच भी जारी है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार

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