कॉमनवेल्थ खेलों पर साइना का यूटर्न
४ सितम्बर २०१०पहले साइना ने कहा कि उन्हें वाकई शक है कि दिल्ली में कॉमनवेल्थ खेल हो भी पाएंगे या नहीं. उनका इशारा तैयारियों की तरफ था जो अब तक अधूरी हैं. उन्होंने कहा, "स्टेडियम और काम की प्रगति को देखें तो मुझे नहीं लगता कि हम इतना बड़ा खेल आयोजन कराने में सक्षम है. मैंने इस तरह के बहुत से खेल आयोजन देखे हैं. जैसे 2006 के मेलबर्न कॉमनवेल्थ खेल और 2008 के बीजिंग ओलंपिक खेल. उनसे तुलना करें तो हम कहीं भी नहीं हैं."
लेकिन कुछ देर बाद ही साइना अपने बयान पर माफी मांगती नजर आईं और उन्होंने उम्मीद जताई कि कॉमनवेल्थ खेल शानदार तरीके से होंगे. यू टर्न लेते हुए साइना ने कहा, "मेरा यह मतलब नहीं था. अपने बयान पर मुझे अफसोस है. मुझे लगता है कि इसे गलत तरीके से पेश किया गया. मुझे विश्वास है कि सब कुछ ठीक होगा. खेल शानदार तरीके से होंगे और सबसे बड़े टूर्नामेंटों में से एक होंगे."
साइना ने अपने अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जताई. वह कहती हैं, "मैं आज के अच्छे खिलाड़ियों में से एक हूं. मैं अपनी जनता के सामने अच्छा प्रदर्शन करना चाहती हूं. मुझे इस बात का वाकई गर्व है कि ये खेल भारत में हो रहे हैं. हम इस आयोजन को करा रहे हैं कि क्योंकि हम ऐसा करने के काबिल हैं." भारत के मुख्य बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने भी कहा है कि कॉमनवेल्थ खेलों का आयोजन भारत के लिए कोई समस्या नहीं होना चाहिए.
इस साल भारत का सबसे बड़ा खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न पाने वालीं साइना ने दिल्ली के सीरी फोर्ट स्पोर्ट्स कॉम्पलैक्स में बैडमिंटन कोर्ट की भी तारीफ की. अप्रैल में वहां टेस्ट के तौर पर एशियन चैंपियनशिप कराई गई थी.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः वी कुमार