कॉमनवेल्थ बेटन दिल्ली में
१ अक्टूबर २०१०उद्घाटन समारोह की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और क्वीन्स बेटन आयोजन समिति के मुख्यालय में पहुंची तो वहां जमा लोगों में खुशी छा गई. पिछले साल 29 अक्तूबर को लंदन के बकिंघम पैलेस से बेटन की दौड़ शुरू हुई और लगभग एक साल में इसने 1,90,000 किलोमीटर का सफर तय किया. इस दौरान बेटन छह महाद्वीप के 70 देशों में गई.
आखिर में यह पाकिस्तान से वाघा सीमा के रास्ते भारत पहुंची. जून में इसका भारत का सफर शुरू हुआ और यह 100 दिनों के अंदर भारत के अलग अलग हिस्सों में ले जाई गई. अगले दो दिनों में यह विजय चौक, इंडिया गेट, लाल किला, कुतुब मीनार, राज घाट और राज घाट सहित प्रमुख जगहों पर जाएगी.
हालांकि कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारियों को लेकर हो रहा हंगामा अब शांत हो चुका है लेकिन खिलाड़ियों के बाहर होने का सिलसिला जारी है. ऑस्ट्रेलिया के दो और खिलाड़ियों ने कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल न होने की पुष्टि कर दी है.
इस बीच अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष जाक रोगे ने कॉमनवेल्थ गेम्स के उद्घाटन समारोह में शिरकत की पुष्टि कर दी है. उद्घाटन रविवार तीन अक्तूबर को होगा. इस बीच गुरुवार को 1000 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय एथलीट और अधिकारी भारत पहुंच गए हैं. इस तरह उनकी संख्या 5500 से ज्यादा हो गई है. भारत को उम्मीद है कि कुल 7200 से ज्यादा एथलीट और अधिकारी दिल्ली पहुंचेंगे.
दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर कई दिनों तक उलटे पुलटे कयास लगाए जाते रहे लेकिन अब मूड बदल रहा है. यहां पहुंचे एथलीटों ने इंतजाम पर संतुष्टि जताई है. दिल्ली के लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर खन्ना ने तो यहां तक कह दिया कि गेम्स विलेज इतने अच्छे हैं कि यहां ओलंपिक भी आयोजित किया जा सकता है.
खन्ना ने कहा, "हमने जो खेलगांव तैयार किया है, वह अब तक का सर्वश्रेष्ठ है. यहां ओलंपिक भी आयोजित किया जा सकता है. सिर्फ मैं यह नहीं कह रहा हूं. हमारे यहां आए हुए विदेशी मेहमान हमारी सुविधाओं से इतने खुश हैं कि कइयों ने मुझसे कहा है कि हमें ओलंपिक के लिए कोशिश करनी चाहिए."
इससे पहले कॉमनवेल्थ गेम्स की बदइंतजामी के लिए विवादों में घिर चुके आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी ने भी कहा कि भारत अब ओलंपिक आयोजित करने के लिए तैयार है.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः एस गौड़