कोलकाता में सितारे जमीं पर
११ नवम्बर २०१२अमिताभ के अलावा मंच पर शाहरुख खान, कैटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा भी मौजूद रहे. उनके अलावा बांग्ला फिल्म की जानी-मानी हस्तियां भी वहां मौजूद थीं. उनमें सबसे प्रमुख थे गरीबों के अमिताभ बच्चन कहे जाने वाले मिथुन दा यानी मिथुन चक्रवर्ती.
यह समारोह शाम चार बजे शुरू होना था लेकिन उसके कोई दो-तीन घंटे पहले से ही अमिताभ और शाहरुख जैसे सुपरस्टारों को एक मंच पर देखने के लिए लोग नेताजी इंडोर स्टेडियम में भर गए. इस भीड़ को देख कर शाहरुख के अलावा अमिताभ भी पूरी तरह अभिभूत नजर आए. अमिताभ ने अपना भाषण जब बांग्ला में शुरू किया तो वहां मौजूद लगभग 20 हजार लोगों ने तालियों की गड़गड़हाट बड़ी देर तक जारी रही. इस भाषण में उन्होंने खुद को बंगाल का दामाद करार दिया. ध्यान रहे कि उनकी पत्नी जया बच्चन शादी से पहले भागुड़ी यानी बंगाली ही थीं. अमिताभ ने अपने उद्घाटन भाषण में इस बात का जिक्र भी किया. बाद में विदेशी प्रतिनिधियों का ध्यान रखते हुए वह अंग्रेजी में बोलने लगे.
अमिताभ ने भारतीय सिनेमा और उसमें बंगाल के योगदान के बारे में इतना जबरदस्त होमवर्क किया था कि बाद में कई बांग्ला अभिनेता भी इस पर दातों तले अंगुली दबाते नजर आए. उन्होंने ऐसे-ऐसे तथ्य दिए जिनकी जानकारी नए अभिनेता-अभिनेत्रियों को भी नहीं थी. बिग बी के बारे में यह कहना ज्यादा सटीक होगा कि वह आए, वह बोले और सबका दिल जीत लिया.
उन्होंने कोलकाता से अपने जुड़ाव का जिक्र करते हुए कहा, "यह शहर मुझे अपने घर की तरह लगता है. यहीं से मैंने पहली नौकरी शुरू की थी और यही वह शहर है जिसने मुझमें फिल्मों का महानायक बनने के बीज डाले थे."
बिग बी का कहना था कि यही वह शहर है जहां उन्होंने अभिनय के सपने देखे थे. उन्होंने कहा, "भारत की सांस्कृतिक राजधानी कहे जाने वाले बंगाल और कोलकाता का भारतीय सिनेमा में अहम योगदान है. ऋषिकेश मुखर्जी, बिमल रॉय और नितिन बोस ने बंबई जाने से पहले यहीं से अपना किरयर शुरू किया था." वह कहते हैं, "बंगाल भारतीय सिनेमा में अग्रणी रहा है. इसका योदगान कभी भुलाया नहीं जा सकता."
इस मौके पर अमिताभ ने भारतीय सिनेमा के सौ साल से भी लंबे सफर पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, "भारतीय सिनेमा में बंगाल का अहम योगदान है. इस राज्य ने ऐसे-ऐसे फिल्मकार पैदा किए हैं जिन्होंने अपने हुनर से भारतीय सिनेमा को समृद्ध किया है." उन्होंने कहा कि इसी वजह से कोलकाता को भारत की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता है.
अमिताभ ने 1912 में बनी पहली मूक मराठी फिल्म श्री पुंडलीक का जिक्र करते हुए कहा कि उससे भी पहले फ्रांस के दो भाइयों-लुई और अगस्त ने 17 जुलाई 1896 को बंबई में पहली फिल्म का प्रदर्शन किया था. उन्होंने कहा कि सौ साल से भी लंबे सफर में भारतीय सिनेमा अब देश की समानांतर संस्कृति बन गया है. यह राजनीति और समाज का दर्पण तो बना ही है, शोषितों और गरीबों की आवाज बन गया है.
सदी के इस महानायक ने कहा कि भारतीय सिनेमा में हमें तीन घंटों में ही न्याय मिल जाता है. लेकिन यह पाने में असली जिंदगी में हमारी तीन पीढ़ियां गुजर जाती हैं. उन्होंने यही सवाल अपने पिता और जाने-माने कवि हरिबंश राय बच्चन से किया था. उनके जवाब को ही अमिताभ ने आज दर्शकों से साझा किया. अमिताभ ने इस स्टोडियम में कोई तीस साल पहले अपनी फिल्म याराना की शूटिंग को भी याद किया.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस मौके पर अपने संबोधन में भावुक नजर आईं. उन्होंने देश-विदेश के फिल्मकारों से राज्य में निवेश करने की अपील की. उन्होंने कहा, "मनोरंजन उद्योग राज्य में नए युग की शुरूआत की हिस्सा बनेगा." ममता का कहना था कि, "राज्य में अपार संभावनाएं है और पूरे विश्व के लिए बंगाल ही मंजिल बननी चाहिए. मैं देश-विदेश के फिल्मकारों को यहां निवेश की अपील करती हूं. हमारी सरकार राज्य में तीन फिल्म सिटीज बनान चाहती है. हम फिल्मोद्योग को बढ़ावा देना चाहते हैं."
ईडन गार्डेन से सटे नेताजी इंडोर स्टेडियम में कार्यक्रम शुरू होने से दो घंटे पहले ही तमाम सीटें भर चुकी थीं. समारोह की शुरूआत में एक आर्केस्ट्रा ग्रुप ने कई पुरानी सुपरहिट फिल्मों की यादगार धुनें बजा कर मौजूद लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. आखिर मे रवींद्र नाथ के मशहूर गीत 'एकला चलो रे' की धुन बजाई गई. इस गीत पर अमिताभ बच्चन भी प्रसन्नचित होकर गुनगुनाते नजर आए. उहोंने अपनी फिल्म कहानी में यह गीत गाया था.
इस समारोह की खास बात यह भी रही कि महानगर के अलीपुर व प्रेसींडेंसी जेल में आजावीन सजा काट रहे 48 कैदियों की ओर से सदी के सुपरस्टारों के सामने अपनी कला का प्रदर्शन. इन कैदियों ने रवींद्रनाथ टैगोर की नृत्य-नाटिका का शानदार मंचन किया, इसका निर्देशन किया था अलकनंदा राय ने. अलकनंदा ने ही जेल में इन कैदियों को राष्ट्र की मुख्यधारा में लाने का कि लिए उनको प्रशिक्षण दिया था.
इस मौके पर शाहरुख खान ने भी कोलकाता से अपने जुड़ाव का जिक्र करते हुए ऐसे आयोजन के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जमकर सराहना की. शाहरुख ने कहा, "मैं ममता दीदी का जबरदस्त फैन हूं." शाहरुख खान कैटरीना और अनुष्का के साथ 13 नवंबर को रिलीज होने वाली अपनी फिल्म जब तक है जान का प्रमोशन भी कर रहे हैं.
सात दिनों तक चलने वाले इस समारोह के दौरान 60 देशों की लगभग 189 फिल्में दिखाई जाएंगी. महोत्सव की शुरूआत ईरान की फिल्म 'ए सेपरेशन' से हुई जिसका निर्देशन असगर फरहीदी ने किया है. महोत्सव के दौरान महानगर के 11 सिनेमाहालों में फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा. यह फिल्मोत्सव 17 नवंबर तक चलेगा.
रिपोर्ट: प्रभाकर, कोलकाता
संपादन: ओंकार सिंह जनौटी