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कोलकाता यातायात की ताजा स्थिति तुरंत

४ मार्च २०११

सड़कों के मुकाबले वाहनों की तादाद तेजी से बढ़ने की वजह से इस सिटी आफ जॉय में ट्रैफिक जाम और इसकी वजह से पर्यावरण प्रदूषण की समस्या गंभीर होती जा रही है. ट्रैफिक जाम की बढ़ती समस्या कई बीमारियों को भी न्योता दे रही है.

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महानगरों में यातायात की बुरी स्थितीतस्वीर: AP

अब कोलकाता ट्रैफिक पुलिस ने मोबाइल के जरिए लोगों को ट्रैफिक जाम के बारे में जानकारी और लाइव तस्वीरें मुहैया कराने की योजना बनाई है. देश में आबादी के लिहाज से सबसे बड़े महानगर कोलकाता की सड़कों पर ट्रैफिक जाम का यह नजारा अब आम हो गया है.लगातार बढ़ती आबादी और नए-नए वाहनों ने इस महानगर की सड़कों का गला घोंट दिया है. हाल में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, यहां कामकाजी लोगों और छात्रों को रोजाना औसतन दो से तीन घंटे सड़क पर बिताने होते हैं. ट्रैफिक की हालत ऐसी है कि घर से निकलने के बाद मंजिल तक कब पहुंचेंगे, यह कहना मुश्किल है. दफ्तर के लिए घर से निकले प्रोफेसर नरेश हाजरा भी रोजमर्रा के ट्रैफिक जाम से परेशान हैं. घंटों ट्रैफिक जाम में फंसे वाहनों के शोर और धुंए से पर्यावरण भी लगातार प्रदूषित हो रहा है. इससे लोगों को फेफड़े और सांस की तमाम बीमारियां हो रही हैं.

अब और नहीं

ट्रैफिक जाम में फंसने पर कई बार पांच किलोमीटर की दूरी तय करने में भी दो घंटे लग जाते हैं. लेकिन जल्दी ही यह स्थिति बदलने वाली है. अब रवाना होने से पहले ही लोगों को पता चल जाएगा कि महानगर में कहां ट्रैफिक की क्या स्थिति है. इस जानकारी के आधार पर वह वैकल्पिक रास्ता चुन सकते हैं.

कोलकाता ट्रैफिक पुलिस की वेबसाइट पर जल्दी ही महानगर के विभिन्न इलाकों में ट्रैफिक की स्थिति की लाइव तस्वीरें देखी जा सकेंगी. राह चलते लोग अपने आधुनिकतम मोबाइल सेट पर भी यह तस्वीरें देख सकते हैं. यही नहीं, लोग ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की हालत में मोबाइल और क्रेडिट कार्ड के जरिए मौके पर ही जुर्माना भी अदा कर सकते हैं.

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तस्वीर: AP

संयुक्त पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) विनीत गोयल कहते हैं, इससे आम लोगों के अलावा हमें भी सहायता मिलेगी. इसके जरिए पहले से ही जाम पड़ी सड़कों पर और ज्यादा लोग नहीं जाएंगे.

हाथ के हाथ जुर्माना

ब्लैकबेरी या एंड्रायड वाले मोबाइल फोन के जरिए ट्रैफिक पुलिस के जवान नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन मालिकों से मौके पर ही जुर्माना वसूल सकेंगे. तब यह काम ज्यादा असरदार तरीके से हो सकेगा. तमाम उपकरण हमारे डाटा सर्वर से जुड़े होंगे और उनमें ताजा जानकारी उपलब्ध होगी.

मौके पर ही जुर्माना चुका कर लोग थाने का चक्कर लगाने से बच जाएंगे. लेकिन इसके लिए लोगों को करना क्या होगा. महानगर में ट्रैफिक की स्थिति की जानकारी के लिए उनके पास ब्लैकबेरी या कोई भी ऐसा फोन होना चाहिए जिसमें इंटरनेल सर्फिंग की सुविधा हो. इससे वह अपने दफ्तर या घर की राह में ट्रैफिक जाम की स्थिति जान कर वैकल्पिक रास्ता अपना सकते हैं. लोग अपनी कार में बैठे-बैठे ही फोन के जरिए जान सकते हैं कि किन रास्तों पर जाम है और किन पर नहीं.

एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में इंजीनियर सोमनाथ घोष कहते है, कोलकाता में ट्राफिक की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है. हम दफ्तर या कहीं और जाने के लिए एक घंटा अतिरिक्त समय हाथ में ले कर घर से निकलते हैं. लेकिन तब भी इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि हम समय पर अपनी मंजिल तक पहुंच ही जाएंगे.

यह जरूर है कि ट्रैफिक पुलिस की इस नई पहल का फायदा सिर्फ वही लोग उठा सकते हैं जिनके पास इंटरनेट की सुविधा वाला मोबाइल हो. लेकिन फिर भी लगातार गंभीर होती इस समस्या के समाधान की दिशा में यह एक सकारात्मक पहल तो है ही.

रिपोर्टः प्रभाकर,कोलकाता

संपादनः आभा एम