क्या ईयू और नाटो को खुश रख पाएगा अमेरिका
२० फ़रवरी २०१७रविवार को ब्रसेल्स पहुंचते ही पेंस ने यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख फेडेरिका मोघेरिनी, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनाल्ड टुस्क, यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जॉं क्लोद युंकर और नाटो के प्रमुख येन्स स्टोल्टेनबेर्ग से होने वाली मुलाकात को लेकर "काफी आशाएं" व्यक्त कीं.
ब्रसेल्स पहुंचने से पहले पेंस ने म्युनिख रक्षा सम्मेलन में भी हिस्सा लिया. यहां पेंस ने यूरोपीय नेताओं और रक्षा विशेक्षज्ञों का साफ संदेश देते हुए कहा कि "अमेरिका हमेशा से आपका सबसे बड़ा सहयोगी रहा है और हमेशा रहेगा." उपराष्ट्रपति पेंस ने राष्ट्रपति ट्रंप के बारे लग रही अटकलों पर कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप और हमारे लोग ट्रांसएटलांटिक यूनियन को लेकर पूरी तरह समर्पित हैं."
इसके पहले ट्रंप ने कई मौकों पर नाटो की आलोचना करते हुए उसे "पुराना पड़ चुका" संगठन करार दिया था. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर ट्रंप के झुकाव को देखते हुए अमेरिका के कई पुराने सहयोगी देश चिंता में पड़ गए हैं. इसके अलावा ट्रंप ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के निर्णय की प्रशंसा भी कर चुके हैं.
बीते दिनों में यूरोप समेत अमेरिका के कई पुराने सहयोगी देश करीब सात दशक पुरानी ट्रांस अटलांटिक नीति पर अमेरिका के रुख को लेकर आशंकित रहे हैं. इसको कायम रखने के बारे में अब तक पेंस के अलावा अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस और विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन भी बयान दे चुके हैं.
पेंस ने कहा कि वॉशिंगटन रूस पर इसका दबाव डालेगा कि वे यूक्रेन में मिंस्क युद्धविराम समझौते का सम्मान करें. टिलरसन कह चुके हैं कि अमेरिका मॉस्को का तभी सहयोग करेगा जब उससे अमेरिकी लोगों का फायदा हो.
पेंस से मुलाकात को ईयू की विदेश नीति प्रमुख फेडेरिका मोघेरिनी ने इसे "एक बहुत महत्वपूर्ण राजनीतिक संकेत," बताया है और ईयू-यूएस संबंधों को पहले से अधिक व्यावहारिक और पहले से कम स्वचालित बनाने की सलाह दी. 10 दिन पहले ही वॉशिंगटन से लौटी मोघेरिनी ने ट्रंप प्रशासन को यूरोपीय राजनीति में "दखलअंदाजी" ना करने की सलाह दी थी. ब्रेक्जिट की तारीफ करते हुए ट्रंप ने और भी कई यूरोपीय देशों के 28-देशों के संघ से बाहर निकलने की राह पर चलने की बात कह डाली थी.
टुस्क और युंकर की अमेरिकी उपराष्ट्रपति से यह पहली भेंट होगी. पेंस से होने वाली मुलाकातों में सभी यूरोपीय नेताओं और नाटो के डिप्लोमैटिक रहने की उम्मीद है. वहीं इस दौरान कई नागरिक समूहों की ट्रंप की नीतियों के विरूद्ध विरोध प्रदर्शन करने की योजना है.
आरपी/एमजे (एएफपी)