क्या यहूदियों के लिए इस्राएल ही सबसे सुरक्षित?
इस्राएल की इमिग्रेशन एजेंसी, "ज्यूइश एजेंसी फॉर इस्राएल" के मुताबिक पिछले एक साल में दुनिया भर से तकरीबन 30 हजार यहूदियों ने इस्राएल का रुख किया है.
रूस
आंकड़ों के मुताबिक देश के भीतर दाखिल होने वाले यहूदियों में से तकरीबन 10 हजार रूस से आए हैं, जो साल 2017 के आंकड़ों की तुलना में 45 फीसदी अधिक है.
यूक्रेन
वहीं रूस की तुलना में यूक्रेन से पिछले सालों की तुलना में कम यहूदी इस्राएल पहुंचे हैं. साल 2018 के दौरान यह संख्या करीब साढ़े छह हजार रही.
अर्जेंटीना
अर्जेंटीना से जाने वाले यहूदियों की संख्या 17 फीसदी बढ़ी लेकिन इसके बावजूद वहां से जाने वाले आप्रवासियों की कुल संख्या तकरीबन 330 ही रही.
अमेरिका और कनाडा
अमेरिका और कनाडा से जाने वाले यहूदियों की संख्या 3500 के आंकड़ें पर स्थिर रही. हालांकि फ्रांस से आने वाले यहूदियों की संख्या में तकरीबन 25 फीसदी की कमी आई और ये संख्या 2500 के करीब रही.
ब्रिटेन और ब्राजील
दोनों ही देशों से इस्राएल जाने वाले यहूदियों की संख्या में करीब चार फीसदी की कमी आई. ब्रिटेन से जाने वालों की संख्या जहां 660 रही तो वहीं ब्राजील में यह आंकड़ा 330 के करीब रहा.
अब तक कितने?
1948 में इस्राएल के गठन के बाद से अब तक करीब 30 लाख यहूदियों ने उस देश को अपना घर बनाया है. इस्राएल और उसके आसपास के इलाके में दुनिया भर के करीब 40 फीसदी यहूदी रहते हैं.
देश का कानून
साल 1950 में इस्राएल में एक कानून, "लॉ ऑफ रिटर्न" पारित किया गया. यह कानून सभी यहूदियों को इस्राएल जाने और नागरिकता प्राप्त करने का अधिकार देता है बशर्ते किसी के खिलाफ कोई गंभीर आपराधिक मामला नहीं हो.