क्या है हाइड्रोजन बम?
सितंबर महीने की शुरुआत में उत्तर कोरिया ने हाइड्रोजन बम के परीक्षण का दावा किया. उत्तर कोरिया से बाहर के विशेषज्ञों के लिए इन दावों की पुष्टि करना मुश्किल है लेकिन यह मुमकिन हो सकता है. आखिर ये हाइड्रोजन बम है क्या?
उत्तर कोरिया के पास हाइड्रोजन बम
उत्तर कोरिया ने सितंबर महीने में अपना छठा परमाणु परीक्षण करने के साथ यह दावा भी किया कि उसने पहली बार हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया है. कई और देश भी हैं जिन्होंने हाइड्रोजन बमों का परीक्षण किया है.
पहला परीक्षण अमेरिका में
अमेरिका ने हाइड्रोजन बम का पहला सफल परीक्षण किया था. इस दौरान 10 हजार किलोटन ऊर्जा का उत्पन्न हुआ था जो हिरोशिमा और नागासाकी पर गिरे बम की तुलना में कई सौ गुना ज्यादा है. माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया के बम से 140 किलोटन ऊर्जा निकली होगी.
हाइड्रोजन बम का असर
यह मार्शल द्वीप का बिकिनी अटॉल है जहां अमेरिका ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था. इस परीक्षण की वजह से इस विशाल गड्ढे का निर्माण हुआ इसके साथ ही यहां की कोरल रीफ बुरी तरह से प्रभावित हुईं.
भारी उष्मा ऊर्जा की जरूरत
हाइड्रोडन बमों को थर्मोन्यूक्लियर बम भी कहा जाता है क्योंकि संलयन की प्रक्रिया के लिए बहुत ज्यादा उष्मा उर्जा की जरूरत होती है. हाइड्रोजन बमों की प्रक्रिया दो चरणों वाली होती है. पहले चरण में परमाणु नाभिक का विखंडन होता है. इसके बाद हाइड्रोजन आइसोटोप आपस में जुड़ना शुरू करते हैं जो इस प्रक्रिया का दूसरा चरण है.
मिसाइल में फिट हो सकता है
यह वो परमाणु बम है जो जापान पर गिराया गया था, यह काफी बड़ा था. इसे गिराने के लिए खास क्षमता से लैस लड़ाकू विमान की जरूरत होती है. बहुत ज्यादा ताकवर होने के कारण हाइड्रोजन बमों को इतने छोटे आकार में बनाया जा सकता है कि इन्हें मिसाइल के जरिये गिराया जा सके.
पांच देशों के पास हैं हाइड्रोजन बम
दुनिया के पांच सबसे ज्यादा ताकतवर देशों के पास हाइड्रोजन बम है. तस्वीर में ब्रिटेन का डगलस डकोटा विमान दिख रहा है. मध्य प्रशांत महासागर के क्रिसमस द्वीप पर रॉयल एयर फोर्स के इंजीनियर इसे हाइड्रोजन बम के परीक्षण के लिए तैयार कर रहे हैं.
हाइड्रोजन बम गिराने वाला विमान
यह है बी 52 बमवर्षक विमान जिस पर क्रूज मिसाइलें लगी हैं. इस विमान को अमेरिका ने हाइड्रोजन बम गिराने के लिए तैयार किया था हालांकि इसका इस्तेमाल नहीं हुआ. अमेरिका वायु सेना अब इसका इस्तेमाल दूसरे पारंपरिक बम गिराने के लिए करती है.
प्रशांत महासागर में परीक्षण
इस पुरानी तस्वीर में प्रशांत महासागर के उन इलाकों को देखा जा सकता है जहां अमेरिका ने हाइड्रोजन बमों के परीक्षण की तैयारी की थी. इनमें से ज्यादातर परीक्षणों को अंजाम दे दिया गया था.
पांच देशों के पास हैं हाइड्रोजन बम
दुनिया के पांच सबसे ज्यादा ताकतवर देशों के पास हाइड्रोजन बम है. इनमें अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और ब्रिटेन शामिल हैं. इन देशों ने परमाणु क्षमता को अपने देश में तो खूब विस्तार किया है लेकिन साथ ही कोशिश भी की है कि दूसरे देशों तक यह तकनीक नहीं पहुंचे.
और भी हैं हाइड्रोजन बम वाले देश
भारत और पाकिस्तान के साथ ही उत्तर कोरिया ने परमाणु ताकत हासिल कर ली है. इन देशों के पास हाईड्रोजन बम भी हैं. इस्रायल एक और देश है जिसके पास परमाणु ताकत है लेकिन वह इसके बारे में ना तो कोई दावा करता है ना ही इससे इनकार.