क्रिकेट का बजट पूराः सचिन का 100वां शतक
१६ मार्च २०१२हालांकि इसके लिए उन्हें एक साल से ज्यादा और 34 पारियों का इंतजार करना पड़ा. पिछले साल वर्ल्ड कप के दौरान बनाए गए शतक के बाद से सचिन के बल्ले ने कभी तीन अंकों का आंकड़ा नहीं निकल पाया. कहने वाले कह सकते हैं कि दो दो विदेशी दौरों में सचिन जो काम नहीं कर पाए, वह भारतीय उप महाद्वीप में कमजोर समझी जाने वाली बांग्लादेश की टीम के खिलाफ किया. लेकिन सौ शतक तो सौ ही होते हैं.
नर्वस नाइंटीज के महारथी सचिन ढाका में खेले जा रहे एशिया कप में भी बांग्लादेश के खिलाफ 80 रन के बाद थमते से नजर आए. रन बनाने की गति रुकती हुई बढ़ी. इसी दौरान दूसरे छोर पर जमे विराट कोहली आउट भी हो गए. सचिन के रन बनाने की गति थोड़ी और धीमी हुई. लेकिन 90 रन के बाद उन्होंने जब चौका जमाया, तो लगा कि इस बार का शुक्रवार यादगार हो सकता है.
बीच में सुरेश रैना ने भी सस्पेंस पैदा कर दिया. सचिन को स्ट्राइक ही नहीं लेने दे रहे थे. बार बार ओवर की आखिरी गेंद पर एक रन ले लेते. दूसरी तरफ से लगातार चौके छक्के जड़ रहे थे. सचिन 99 पर अटके थे. सवा अरब भारतीय और लगभग दो अरब क्रिकेट प्रेमियों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी.
आखिर 44वें ओवर में साकिब उल हसन के ओवर में सचिन गेंद के सामने आए. चौथी गेंद को स्क्वायर लेग की तरफ धकेला और गोली की तरह दूसरी छोर पर भागे. रन पूरा हुआ. शतक पूरा हुआ. इंतजार पूरा हुआ. करोड़ों लोगों ने गहरी सांस ली. इधर लोगों के हाथ दुआ के लिए उठे, उधर मीरपुर के स्टेडियम में सचिन का बल्ला उठा. हेलमेट उतरा, आंखों ने एक बार फिर आकाश निहारा. फील्डरों ने हाथ मिलाए. रैना लिपट गए. प्रेस बॉक्स में बैठे कमेंटेटरों ने थोड़ी देर रुक जाना ठीक समझा. भारतीय टेलीविजन चैनलों पर अफरा तफरी मच गई.
सचिन के नाम 100 अंतरराष्ट्रीय शतक हो गए. इसके लिए उन्हें टेस्ट और वनडे मिला कर 650 मैच खेलने पड़े. यानी हर छठे मैच में सेंचुरी बनाने वाले सचिन ने इस बार 34 पारियों का गैप देकर क्रिकेट को लंबा इंतजार कराया. इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के दौरों में सचिन बुरी तरह फ्लॉप रहे. उस दौरान उनके खिलाफ बयान भी आने लगे और कुछ लोगों ने तो उन्हें संन्यास लेने की सलाह भी दे दी.
इस शतक के साथ ही वनडे मैचों में उनके नाम 49 शतक हो गए हैं, जबकि टेस्ट मैचों में 51 शतक हैं. एकदिवसीय क्रिकेट में सचिन ने 95 अर्धशतक बनाए हैं, जबकि टेस्ट में उनके नाम 65 हाफ सेंचुरी है.
सचिन अपनी पारियों को शुरू करने से पहले आम तौर पर लता मंगेशकर के गीत सुना करते हैं. मजेदार बात यह कि खुद लता भी सचिन की बहुत बड़ी फैन हैं. सचिन की इस उपलब्धि को कमाल बताते हुए भारत रत्न लता मंगेशकर ने कहा, "सचिन तेंदुलकर ने हम भारतीयों का सिर ऊंचा कर दिया. मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. उन्होंने तो इतिहास बना दिया है."
एक निजी टेलीविजन चैनल से इंटरव्यू के दौरान लता मंगेशकर थोड़ा भावुक भी हो गईं और जब उनसे पूछा गया कि वह सचिन को क्या तोहफा देना चाहेंगी, तो वह कुछ नहीं बोल पाईं. हालांकि लता ने इंसान के तौर पर भी सचिन की तारीफ की, "उनके खेल के बारे में मैं क्या कहूं. लेकिन वह एक बहुत अच्छे इंसान भी हैं. वह बेहद विनम्र हैं और नम्रता के साथ बात करते हैं."
रिपोर्टः ए जमाल
संपादनः महेश झा