क्रिकेट में "तीसरा" गेंद नहीं हो सकताः अश्विन
१५ जुलाई २०१२अश्विन का कहना है, "मुझे नहीं लगता कि इस तरह तीसरा, चौथा और पांचवां गेंद हो सकती है. मुख्य रूप से सिर्फ दो तरह की गेंदें हो सकती हैं. एक जो बल्लेबाज की तरफ मुड़े और दूसरी, जो उससे दूर मुड़े." भारतीय टीम के लिए खेल चुके 25 साल के अश्विन को शानदार ऑफ स्पिनर समझा जाता है. हाल ही में पाकिस्तान के ऑफ स्पिन गेंदबाज सईद अजमल ने दावा किया है कि उनके पास एक नई तरह की गेंदें है, जिसका वह प्रयोग कर सकते हैं.
पाकिस्तान के सकलैन मुश्ताक ऑफ स्पिन गेंदें फेंका किया करते थे. लेकिन कभी कभी उनकी गेंद लेग स्टंप पर टप्पा खाकर घूमती थी. उस समय के विकेटकीपर मोईन खान जब बल्लेबाज को उलझाना चाहते थे, तो वह सकलैन से कहते, "दूसरा फेंक, दूसरा." क्रिकेट कमेंटेटर टोनी ग्रेग ने इस टर्म को उठा लिया और इस खास गेंद की पहचान दूसरा के तौर पर हो गई.
सकलैन के अलावा पाकिस्तान के शोएब मलिक और सईद अजमल को दूसरा फेंकने में महारत है, जबकि भारत के हरभजन सिंह और श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन तथा अजंता मेंडिस भी इस गेंद को बखूबी फेंक सकते हैं.
भारत के लिए छह टेस्ट मैच और 35 वनडे खेलने वाले आर अश्विन अपनी तुलना हरभजन सिंह से नहीं करना चाहते. उनका कहना है, "मैं इस तरह की तुलना नहीं करना चाहता हूं. मैं सिर्फ अपने काम पर ध्यान देना चाहता हूं. एक बार ग्राउंड में उतरने के बाद मैं कुछ और नहीं सोचता." उन्हें इस बात की खुशी है कि वह भारत के लिए स्पिन आक्रमण की कमान संभाल रहे हैं, "भारत के लिए आक्रमण संभालना बड़ी जिम्मेदारी का काम है. आपको लगातार अच्छा करना होता है. यह एक चुनौती है, जिसका मैं हमेशा सामना करना चाहता हूं."
अश्विन ने टेस्ट मैचों में सैकड़ा भी जड़ा है और उन्हें एक अच्छा बल्लेबाज भी माना जाता है.
एजेए/एनआर (पीटीआई)