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क्रिकेट मैच और हिंदी फिल्में अब यूट्यूब पर

२४ फ़रवरी २०११

वीडियो वेबसाइट यूट्यूब भारत में लोकप्रियता हासिल करने के लिए बॉलीवुड और क्रिकेट का सहारा ले रही है. पाइरेसी के शिकार भारत में फिल्में और क्रिकेट मैचों को कानूनी तौर पर दिखाने के लिए यूट्यूब खास समझौते कर रहा है.

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यूट्यूब की मालिक कंपनी गूगल के एशिया-प्रशांत प्रमुख गौतम आनंद ने कहा, "बॉलीवुड निर्माताओं को अकसर गैर परंपरागत बाजारों में अपनी फिल्में लाने में परेशानी होती है और फिर इन बाजारों में लोगों के पास पाइरेसी ही एकमात्र रास्ता है जिससे वे ये फिल्में देख सकते हैं. इस नए तरीके से हम इन वीडियोज को कानूनी बना रहे हैं और इससे मुनाफा भी होगा."

आनंद ने कहा कि उनकी कंपनी कंप्यूटर के साथ साथ मोबाइल फोन में भी यह सेवाएं उपलब्ध कराना चाहती है. यूट्यूब ने यूटीवी मोशन पिक्चर्स सहित इरॉस इंटरनेशनल, यशराज फिल्म्स और राजश्री के साथ समझौते किए हैं जिससे उनकी फिल्में अब यूट्यूब में देखी जा सकती हैं. नए समझौते से यूट्यूब ही नहीं बल्कि निर्माताओं और ग्राहकों को भी फायदा होगा. पिछले साल यूट्यूब ने स्ट्राइकर फिल्म को अपनी वेबसाइट पर रिलीज किया था. प्रीमियम मेंबरशिप यानी पैसे देने वाले सदस्य इस फिल्म को आसानी से वेबसाइट पर देख सकते थे.

बॉलीवुड ही नहीं, यूट्यूब क्रिकेट से भी मुनाफा कमाना चाहता है. पिछले साल वेबसाइट ने एक स्थानीय क्रिकेट मैच को रिले किया था जिसे भारत ही नहीं बल्कि 25 और देशों में देखा गया था और उसकी वेबसाइट में पांच करोड़ 50 लाख लोग आए थे. इस वक्त चल रहे विश्व कप में भी यूट्यूब बांग्लादेश, भारत और श्रीलंका के मैचों को दिखा रहा है. पैकेज के तहत लोग मैचों के अलावा हाइलाइट्स और खेलों के क्लिप्स भी देख सकते हैं.

इस समय भारत में लगभग एक करोड़ 73 लाख लोग यूट्यूब देखते हैं. भारत लगातार इंटरनेट सेवाओं को बेहतर करने के लिए ब्रॉडबैंड कनेक्शन उपलब्ध करा रहा है. भारतीय टेलीकॉम प्राधिकरण ट्राई ने सरकार को सुझाव दिए हैं कि 2012 तक देश में सात करोड़ और 2014 तक 16 करोड़ ब्रॉडबैंड कनेक्शन उपलब्ध कराने चाहिए.

रिपोर्टः रॉयटर्स/एमजी

संपादनः ए कुमार

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