क्रिकेट सिर्फ पुरुषों का नहीं: रानी मुखर्जी
७ अगस्त २०१०बॉलीवुड अदाकारा रानी मुखर्जी ने जिस डॉक्यूमेंट्री-ड्रामा फिल्म को लॉन्च किया है उसका नाम पूअर कजिन्स ऑफ मिलियन डॉलर बेबीज है. रानी का कहना है कि क्रिकेट को जेन्टलमैन्स गेम कहना गलत है. "बचपन से ही लड़कियों को खेल में आगे बढ़ने के लिए हतोत्साहित किया जाता है और उन्हें बताया जाता है कि क्रिकेट जेन्टलमैन्स गेम है. यह गलत है. फिल्म में क्रिकेट सीखने के बाद मैंने जाना कि क्रिकेट कितना सुंदर खेल है. यह ताकत से नहीं, तकनीक से खेला जाता है."
"खेल के प्रति प्यार ही कमजोर आर्थिक स्थिति वाली लड़कियों को क्रिकेट खिलाड़ी बनने के लिए प्रेरित करता है. इसी से मुझे दिल बोले हड़िप्पा फिल्म करने की प्रेरणा मिली. मुझे खेल को नजदीक से देखने और उसे खेलने का मौका मिला. मैं पहले उसे नहीं समझती थी."
25 मिनट की डॉक्यूमेंट्री-ड्रामा फिल्म सुनील यश कालड़ा के निर्देशन में बनी है और इसमें महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी भी देखने को मिलेंगी. फिल्म बनाने में 4 साल लगे और यह फिल्म महिला क्रिकेटरों के जीवन पर आधारित है. फिल्म बताती है कि मैदान पर और मैदान से बाहर का उनका जीवन कैसा है. मुख्य किरदार में क्रिकेटर अंजुम चोपड़ा और कप्तान झूलन गोस्वामी हैं और उनके अलावा टीम के अन्य साथी खिलाड़ी भी हैं. इस फिल्म में दिखाया गया है कि असमानता, भेदभाव का सामना करने के बावजूद भी महिला क्रिकेटर कैसे लंदन के लॉर्ड्स मैदान में खेलने के अपने सपने को साकार करती हैं.
फिल्म के निर्देशक सुनील यश कालड़ा का कहना है, "हम एक किताब पर काम कर रहे थे जब मैंने डब्लयूजी ग्रेस की मां का एक पोस्टर देखा. उन्होंने ही महिला क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई. यह फिल्म सिर्फ महिला और पुरुष क्रिकेटरों के बीच असमानता की नहीं बल्कि मुश्किलों के बावजूद महिला क्रिकेट की जीत की कहानी है."
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: महेश झा