गद्दाफी की पूर्वी लीबिया पर पकड़ छूटी
२४ फ़रवरी २०११मिस्र और ट्यूनीशिया में कई दशकों तक सत्ता पर काबिज रहने वाले शासकों की विदाई की आंच कुछ दिन पहले लीबिया पहुंची जिसके बाद लीबियाई नेता मुअम्मर गद्दाफी को कई दशकों में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर विरोध का सामना करना पड़ रहा है. 60 लाख की आबादी वाले लीबिया पर गद्दाफी ने 41 साल राज किया है लेकिन अब लीबिया दो हिस्सों में बंट गया है.
पूर्वी हिस्से पर गद्दाफी विरोधी प्रदर्शनकारियों ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है जबकि पश्चिमी इलाकों पर अपना प्रभुत्व बनाए रखने का गद्दाफी संघर्ष कर रहे हैं. गद्दाफी ने कहा है कि वह लीबिया छोड़कर नहीं जाएंगे और शहीद होने के लिए तैयार हैं. लीबिया में संकट की वजह से हजारों विदेशी नागरिकों की जान को खतरा है, तेल निर्यात संकट में पड़ गया है. देश में गृह युद्ध शुरू होने की आशंका जताई जा रही है.
अमेरिका प्रतिबंधों को तैयार
कभी गद्दाफी को "पागल कुत्ता" करार देने वाले अमेरिका ने कहा है कि लीबिया में हिंसा को रोकने के लिए यूरोपीय संघ के साथ मिलकर वह प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकता है. यूरोपीय संघ के एक मंत्री ने तो आशंका जताई है कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई में एक हजार लोगों के मारे जाने की आशंका है.
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने लीबिया में हालात पर काबू पाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील की है. ओबामा ने यह तो नहीं कहा है कि गद्दाफी को सत्ता छोड़ देनी चाहिए लेकिन यह साफ कर दिया है कि उनके जुर्मों की उन्हें सजा दी जाएगी. ओबामा के मुताबिक दुनिया के सभी देशों को एक आवाज में बोलना चाहिए. जिस तरह से लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई है वह व्यथित कर देने वाला है. लीबिया में 10 दिन से चल रहे विद्रोह पर ओबामा पहली बार सार्वजनिक रूप से कुछ बोले हैं.
बेनगाजी में जश्न
विद्रोह का प्रतीक बने बेनगाजी शहर में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और शहर पर नियंत्रण के जश्न में उन्होंने पटाखे छोड़े, और लाल, काले और हरे रंग का झंडा लहराया. कर्नल गद्दाफी ने इस झंडे के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "पिछले 41 सालों में हमने दुख ही झेले हैं. हम बेहद अमीर देश हैं लेकिन हमारे लोग गरीबों से भी गरीब हैं. गद्दाफी ने लोगों को मारा है." एक स्थानीय मेडिकल अधिकारी ने बताया कि बेनगाजी शहर में प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई में 320 लोगों की मौत हुई है.
पूर्वी शहर बेनगाजी में विरोधी प्रदर्शनकारियों का कब्जा है तो पश्चिमी लीबिया में राजधानी त्रिपोली में अब भी विदेशी मीडिया पर पाबंदी लगी हुई है. स्थानीय पत्रकारों ने बताया कि छिटपुट हिंसा के बाद अब शहर में शांति है. सरकारी टीवी पर दिखाया गया है कि गद्दाफी के समर्थन में लोगों ने प्रदर्शन किया है और उनकी तारीफ में नारे लगाए हैं. ऐसी रिपोर्टें हैं कि गद्दाफी सत्ता में बने रहने के लिए कुछ सुधारों की घोषणा कर सकते हैं. इस बीच कई देशों ने लीबिया में संकट के मद्देनजर अपने नागरिकों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: वी कुमार