गद्दाफी के बेटे को हमें सौंपा जाए: आईसीसी
२० नवम्बर २०११अगस्त में राजधानी त्रिपोली से भागे 39 साल के सैफ अल इस्लाम को शनिवार को लीबियाई लड़ाकों ने खोज निकाला. नेशनल ट्रांजिशनल काउंसिल (एनटीसी) के मुताबिक पूर्व तानाशाह कर्नल मुअम्मर गद्दाफी के बेटे को देश के दक्षिणी इलाके में पकड़ा गया. सैफ रेगिस्तानी कस्बे जितांन में छुपा हुआ था. सैफ अल इस्लाम के पकड़े जाने की तस्वीरें भी जारी हुई हैं.
सैफ अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत (आईसीसी) में वांटेड है. उस पर मानवता के खिलाफ युद्ध के आरोप हैं. सैफ के पकड़े जाने की खबर की पुष्टि के बाद शनिवार को ही अदालत ने लीबिया प्रशासन से संपर्क किया. कोर्ट ने कहा कि लीबिया के अधिकारियों को सैफ के खिलाफ मुकदमे में मदद करनी चाहिए. आईसीसी चाहती है कि लीबिया सैफ को उसकी अदालत में पेश करे.
आईसीसी के प्रवक्ता फदी अल अब्दुल्लाह के मुताबिक लीबिया की कानूनी रूप से जिम्मेदारी बनती है कि वह सैफ अल इस्लाम को अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराध अदालत को सौंपे. सुनवाई कहां होगी इसका फैसला त्रिपोली से विचार विमर्श करने के बाद आईसीसी के जज करेंगे. आईसीसी के अधिकारी लुईस मोरेनो ओकैंपो लीबिया जा रहे हैं. ओकैंपों के मुताबिक, "खबर यह है कि सैफ को न्याय मिलेगा. कब और कहां, इस पर हम चर्चा करेंगे."
यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने भी लीबिया से कहा है कि वह सैफ को न्याय के कटघरे में लाए. संघ के मुताबिक सैफ के मामले में त्रिपोली को आईसीसी के साथ पूरा सहयोग करना चाहिए.
इससे पहले 20 अक्टूबर को सैफ के पिता कर्नल मुअम्मर गद्दाफी को भी पकड़ा गया. आरोप हैं कि विद्रोहियों ने पूर्व तानाशाह की बेरहमी से हत्या की. हत्या से जुड़े कुछ कथित वीडियो भी सामने आए. मामले की जांच चल रही है.
पिता की मौत के बाद सैफ भी काफी डरा हुआ था. उसे आशंका थी कि पकड़े जाने पर कहीं उसका भी हाल पिता जैसा न हो. वकीलों के जरिए सैफ ने पहले ही अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत के सामने आत्मसमर्पण की इच्छा जताई थी.
सैफ के पकड़े जाने के बाद लीबिया में खुशी है. शनिवार को ही कई शहरों में लोग खुशी का इजहार करते हुए सड़कों पर उतर आए. जनता को लगता है सैफ मुअम्मर गद्दाफी का नया संस्करण था. लीबिया में इस साल फरवरी में गद्दाफी के विरुद्ध सशस्त्र आंदोलन शुरू हुआ. सैफ पर आरोप हैं कि उसने आंदोलन को कुचलने के लिए अपने पिता जैसे बर्बर कदम उठाए.
हालांकि एक वक्त ऐसा भी था जब सैफ को पश्चिमी जगत को समझने वाले गद्दाफी के सबसे उदारवादी बेटे के रूप में देखा जाता था. सैफ अल इस्लाम ऑस्ट्रिया की यूनिवर्सिटी से एमबीए करने के बाद लंदन स्कूल ऑफ इकोनमिक्स से पीएचडी कर चुका है.
रिपोर्ट: एएफपी, रॉयटर्स/ओ सिंह
संपादन: एन रंजन