गद्दाफी के हटने तक जारी रहेगी सैन्य कार्रवाई
१५ अप्रैल २०११पश्चिमी देशों के कई अखबारों में एक लेख छपा है जिसे ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन, फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मिल कर लिखा है. इसमें कहा गया है कि गद्दाफी का सत्ता में बने रहना लीबियाई लोगों के साथ धोखा होगा. उनका कहना है, "यह सोचा भी नहीं जा सकता कि जिस व्यक्ति ने अपने ही लोगों का नरसंहार करने की कोशिश की, उसकी भविष्य की सरकार में भूमिका रहेगी. जब तक गद्दाफी सत्ता में हैं, तब तक नाटो और उसके गठबंधन सहयोगियों को अपना अभियान जारी रखना होगा ताकि आम लोगों की रक्षा की जा सके और लीबियाई सरकार पर दबाव बनाया जा सके."
नाटो में मतभेद
तीनों नेताओं ने कहा है कि गद्दाफी के हटने के बाद लीबिया में तानाशाही के स्थान पर ऐसी संवैधानिक प्रक्रिया शुरू हो पाएगी जिसमें सब की भागीदारी होगी और देश का नेतृत्व नई पीढ़ी के नेता करेंगे. इस बदलाव के लिए गद्दाफी को जाना ही होगा. यह लेख ऐसे समय में प्रकाशित हुआ है जब लीबिया में जारी अभियान पर नाटो देशों के बीच मतभेदों को दूर करने की कोशिश हो रही है. लीबिया में तीन हफ्तों से पश्चिमी देशों की कार्रवाई जारी है लेकिन लीबिया पर गद्दाफी की पकड़ बराबर बनी हुई है.
पहले हफ्ते में लीबियाई अभियान का नेतृत्व करने वाले अमेरिका ने बाद में कमान नाटो को सौंप दी और खुद कदम पीछे हटा लिया. वहीं ब्रिटेन और फ्रांस की शिकायत है कि लीबियाई अभियान के लिए नाटो के दूसरे सहयोगी भरपूर मदद नहीं कर रहे हैं.
गुरुवार को बर्लिन में नाटो विदेश मंत्रियों की बैठक में वादा किया गया कि लीबियाई कार्रवाई के लिए हर तरह की मदद दी जाएगी, लेकिन कुछ देशों ने ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से हवाई हमलों में योगदान देने की अपीलों को खारिज कर दिया. स्पेन ने कहा कि वह लीबिया में सात नाटो देशों की मुहिम में शामिल होने का इरादा नहीं रखता. लीबिया की पूर्व औपनिवेशिक ताकत इटली ने भी वहां हमले से इनकार किया है.
मिसराता पर मिसाइलें
लीबियाई विद्रोहियों ने नाटो से गद्दाफी की सेना पर हमले तेज करने को कहा है. उन्हें डर है कि सरकारी बल मिसराता शहर में नरसंहार कर सकते हैं. वहां गद्दाफी की सेना ने मिसाइलें दागी हैं. इनमें 23 लोगों की मौत हो गई है जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं. विद्रोहियों के एक प्रवक्ता ने बताया, "लगभग 200 ग्राड मिसाइलें इस बंदरगाह शहर पर दागी गई हैं. रिहायशी इलाकों में भी मिसाइलें गिराई गई हैं. वे इसलिए मिसराता को निशाना बना रहे हैं क्योंकि यह दुनिया तक पहुंचने का रास्ता है." इस बीच नाटो की सेना ने राजधानी त्रिपोली में कुछ जगहों को निशाना बनाया है. वहीं सरकारी टीवी पर गद्दाफी को खुली कार में सफारी जैकेट और धूप का चश्मा पहने सड़कों पर घूमते दिखाया गया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एन रंजन