गद्दाफी जाएं, असद बदल जाएं: ओबामा
२० मई २०११अपने भाषण में ओबामा ने अरब देशों में हाल ही में हुए लोकतंत्र समर्थक आंदोलनों का जिक्र किया. लीबियाई शासक गद्दाफी पर उनका खासा जोर रहा. उन्होंने कहा, "वक्त गद्दाफी के खिलाफ है. उनका अपने देश पर नियंत्रण नहीं है. विपक्ष ने एक वैध और भरोसेमंद अंतरिम परिषद बना ली है."
हटो नहीं तो हटाए जाओगे
वॉशिंगटन में दिए अपने भाषण में ओबामा ने चेतावनी दी कि गद्दाफी को हटना होगा नहीं तो उन्हें जबर्दस्ती हटाया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसा होने के बाद ही लोकतांत्रिक लीबिया आगे बढ़ पाएगा.
राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि अरब जगत में हाल ही में हुए आंदोलनों ने कूटनीति में एक नया अध्याय खोल दिया है.
विदेश मंत्रालय में दिए इस भाषण में उन्होंने कहा, "अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, इतिहास और भाग्य की वजह से अमेरिका का भविष्य मध्य पूर्व के साथ बंधा हुआ है. सुधारों और लोकतांत्रिक बदलावों का समर्थन अमेरिका की नीति होगी."
पहली बार बोले ओबामा
ओबामा का यह भाषण इसलिए अहम है क्योंकि पिछले कई महीनों से जारी अहम लोकतांत्रिक आंदोलनों के बारे में वह पहली बार इतना विस्तार से बोले हैं. उन्होंने कहा, "हमारे पास यह एक ऐतिहासिक मौका है. हम यह दिखा सकते हैं कि अमेरिका किसी तानाशाह की ताकत से ज्यादा सम्मान ट्यूनिशिया की किसी गली में सड़क पर कुछ बेचने वाले का करता है."
सीरिया के बारे में
अमेरिकी राष्ट्रपति ने सीरियाई नेता बशर अल असद को भी गद्दाफी जैसा ही संदेश दिया. उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति असद के पास कोई और विकल्प नहीं है. वह बदलाव का नेतृत्व कर सकते हैं या फिर रास्ते से हट सकते हैं. सीरियाई सरकार को प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाना बंद करना चाहिए और शांतिपूर्ण प्रदर्शनों की इजाजत देनी चाहिए."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ईशा भाटिया