गद्दाफी विरोधी राजधानी त्रिपोली में घुसे
२२ अगस्त २०११लीबिया में गद्दाफी शासन के खिलाफ विद्रोह की शुरुआत के छह महीने बाद रविवार शाम विद्रोही लड़ाके पश्चिम से राजधानी त्रिपोली में घुसे. शहर के केंद्र में स्थित ग्रीन स्क्वैयर पर, जहां पहले गद्दाफी के समर्थकों की रैली होती थी, गद्दाफी के विरोधी जश्न मनाते दिखे.
विद्रोहियों का सरकारी टेलीफोन कंपनी के मुख्यालय पर भी कब्जा हो गया है, जो शहर के पूर्वी इलाके ताजूरा में है. मोबाइल फोन धारकों को एक एसएमएस मिला जिसमें विद्रोहियों की राष्ट्रीय अंतरिम परिषद ने गद्दाफी के पतन पर जनता को बधाई दी है. विद्रोहियों ने गद्दाफी के बेटे सैफ अल इस्लाम को भी पकड़ लिया है जिसे पिता का उत्तराधिकारी माना जाता था. गद्दाफी की तरह सैफ के खिलाफ भी अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने मानवता के खिलाफ अपराधों के कारण वारंट जारी कर रखा है. अंतरराष्ट्रीय अदालत के मुख्य अभियोक्ता लुइस मोरेनो ओकैंपो ने सैफ की गिरफ्तारी की पुष्टि की है.
गद्दाफी समर्थकों के साथ भारी लड़ाई
विद्रोहियों के राजधानी में घुसने से पहले गद्दाफी समर्थकों से भारी लड़ाई हो रही है. गद्दाफी के प्रवक्ता मूसा इब्राहीम के अनुसार इस लड़ाई में रविवार को 1300 लोग मारे गए. इस खबर की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है. विद्रोहियों की सरकार के प्रमुख प्रतिनिधि महमूद जिबरील ने समय से पहले जीत की खुशी मनाने के खिलाफ चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि त्रिपोली और इलाके में गद्दाफी के समर्थक प्रतिरोध कर रहे हैं. जिबरील ने विरोधी पक्ष के साथ व्यवहार में जिम्मेदारी दिखाने की मांग की है.
विद्रोहियों का कहना है कि अब उन्होंने इस लड़ाई को आखिरी दौर में पहुंचा दिया है और गद्दाफी के घर के बाहर भी लड़ाई चल रही है. नाटो की सैन्य शक्ति भी विद्रोहियों के साथ है और पश्चिमी देशों ने खुल कर विद्रोहियों का समर्थन किया है.
गद्दाफी के इस्तीफे की मांग
इसके बावजूद विद्रोहियों के मुख्यालय बेन्गाजी और दूसरे शहरों में लोग जीत की खुशी मना रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के फैसले पर लीबिया में गद्दाफी के सैनिकों पर हमला करने वाले अंतरराष्ट्रीय समर्थन के देशों में शीघ्र सत्ता परिवर्तन पर संदेह नहीं है. नाटो के महासचिव आंदर्स फो रासमुसेन ने कहा है कि गद्दाफी शासन चरमरा रहा है. उन्होंने कहा, "जितनी जल्दी गद्दाफी स्वीकार करते हैं कि वे अपनी जनता के खिलाफ लड़ाई नहीं जीत सकते,, उतना ही अच्छा है, इस तरह लीबिया की जनता और रक्तपात तथा तकलीफ से बच जाएगी."
जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने भी गद्दाफी के शीघ्र इस्तीफे की बात कही है. जर्मनी के रक्षा मंत्री थोमस दे मिजियेर ने कहा है कि वे गद्दाफी शासन की समाप्ति के बाद लीबिया में सैन्य स्थिरता के लिए जर्मन सेना की तैनाती की मांग हुई, तो उस पर विचार किया जाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने गद्दाफी से अपील की है कि वह अपने शासन की समाप्ति को स्वीकार करें. ओबामा ने कहा, "लीबिया के लोगों ने दिखाया है कि सम्मान और स्वतंत्रता की इच्छा तानाशाही के शिकंजे से ज्यादा मजबूत है." ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड ने गद्दाफी से अपील की है वे अपनी जनता की इच्छा की राह में बाधा न बनें.
तेल की कीमतों पर असर
लीबिया में विवाद की शीघ्र समाप्त होने के आसार दिखते ही तेल की कीमत का गिरना शुरू हो गया है. एशियाई कारोबार में सोमवार को उत्तरी सागर के ब्रेंट तेल का अक्टूबर की सप्लाई का भाव गिरकर 106.02 डॉलर हो गया जो शुक्रवार के मुकाबले 2.60 डॉलर कम है. अमेरिकी तेल डब्ल्यूटीआई की कीमत 0.63 सेंट गिरकर 81.78 डॉलर रह गई. तेल कारोबारियों का मानना है कि गद्दाफी शासन के पतन के बाद लीबिया में तेल का उत्पादन फिर से बढ़ जाएगा. लीबिया से अतिरिक्त तेल बाजार में आने की संभावना ने तेल की कीमतों पर दबाव बढ़ा दिया है.
लीबिया तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक का सदस्य है. वहां चल रहे गद्दाफी और विद्रोहियों के बीच चल रहे सत्ता संघर्ष के कारण पिछले महीनों में तेल के उत्पादन को रोकना पड़ा था.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ए जमाल