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गूगल से गुस्साया चीन

२ जून २०११

गूगल के दावों के बाद चीन भारी नाराज है कि वहां के हैकरों ने जीमेल के कुछ अकाउंटों के पासवर्ड हैक करने की कोशिश की. गूगल का दावा है कि अमेरिकी उच्च अधिकारियों और कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के ईमेल पर भी साइबर हमले हुए.

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दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी के इन दावों के बाद गुस्साए चीन ने कहा कि उस पर इस तरह का आरोप अस्वीकार्य है. इन आरोपों के साथ चीन और गूगल के बीच दरार बढ़ गई है. पिछले साल दोनों पक्षों में खासा झगड़ा हो चुका है.

गूगल का कहना है कि चीन के शानदोन प्रांत की राजधानी जीनान से हैकिंग की कोशिश हुई. जिनान में उच्च तकनीक वाली यूनिवर्सिटी है और अमेरिका का दावा है कि पिछले साल गूगल के साथ छेड़छाड़ भी इसी शहर से शुरू हुई थी. वॉशिंगटन ने कहा है कि वह गूगल के दावों की पड़ताल कर रहा है, जबकि अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई का कहना है कि वह मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रहा है. यह हमला मल्टीनेशनल कंपनियों के बड़े अफसरों के कंप्यूटरों पर किया गया है.

ऑस्ट्रेलियाई स्ट्रैटजी पॉलिसी मेकिंग इंस्टीट्यूट के एंड्रयू डेविस का कहना है कि चाहे साइबर हमला कहीं से भी हो रहा हो, सरकारों को इस पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा, "पिछले दो सालों से हम इस मामले पर गंभीर हो रहे हैं और पश्चिमी देशों को इसके खतरे से आगाह करना मुश्किल हो रहा है."

ईमेल पर सेंध

गूगल ने अपने ब्लॉग पर बताया कि हैकरों ने हाल में जीमेल के पासवर्ड चोरी कर ईमेल में सेंध लगाने की कोशिश की लेकिन वक्त रहते उन्हें पकड़ लिया गया और उनकी योजना नाकाम कर दी गई. करीब साल भर पहले गूगल ने दावा किया था कि चीन में उस पर साइबर हमला हुआ है, जिसके बाद उसने अपना कारोबार भी कम कर दिया था. पिछले साल सेंसरशिप के मामले में गूगल और चीन सरकार की खूब तकरार हुई थी.

गूगल ने ब्लॉग पर बताया, "हमने हाल में पता लगाया कि फिशिंग के जरिए पासवर्ड हासिल करने की कोशिश की गई." कंप्यूटर में फिशिंग ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसके सहारे हैकर किसी यूजर से निजी आंकड़े जुटा लेता है, जिसके आधार पर पासवर्ड क्रैक किया जा सकता है. गूगल का दावा है कि इससे कई हजार जीमेल अकाउंट प्रभावित हुए हैं, जिनमें अमेरिकी सरकार के कुछ वरिष्ठ अफसर भी शामिल हैं.

NO FLASH Google China
तस्वीर: picture alliance/dpa

लंबा है खेल

वॉशिंगटन की सिक्योरिटी एक्सपर्ट मीला पार्कर ने फरवरी में सबसे पहले कहा था कि उसके जीमेल अकाउंट पर हमला हुआ है. चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि इस बात को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता कि उनकी सरकार पर ऐसे आरोप लगाए जा रहे हों.

हालांकि गूगल ने यह नहीं कहा है कि ताजा हमलों के पीछे चीन सरकार का हाथ है. चीन में काम कर चुके अमेरिका के एक पूर्व उच्चाधिकारी को यकीन है कि इसमें चीन की सरकार का भी हाथ जरूर है. उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "चीन में बहुत तरह की इंटरनेट गतिविधियां चल रही हैं और मैं समझता हूं कि अरब देशों में हुई क्रांति भी इसकी वजह है."

अमेरिका इस बात की चेतावनी दे चुका है कि गंभीर नतीजों वाले साइबर हमले की स्थिति में जवाबी सैनिक कार्रवाई हो सकती है. हालांकि जानकारों का कहना है कि ऐसी संभावना नहीं दिखती है.

सिर्फ सरकार नहीं

China Internet Google Logo und Flagge in Peking
तस्वीर: AP

अमेरिकी सरकार को प्रमुखता से सूचना तकनीक मुहैया कराने वाली लॉकहीड मार्टिन का दावा है कि पिछले हफ्ते उसके खिलाफ भी साइबर हमले की कोशिश की गई. हालांकि कंपनी ने नहीं बताया कि यह हमला कहां से किया गया.

ब्रिटिश टेलीकॉम कंपनी बीटी के मुख्य सुरक्षा अधिकारी ब्रूस श्नायर का कहना है कि हाल के दिनों में चीन में साइबर हमलों की परंपरा तेज हुई है, "यह सिर्फ चीन की सरकार का काम नहीं है. वहां कार्यरत दूसरे लोग भी ऐसा कर रहे हैं. हो सकता है कि उन्हें सरकार की मंजूरी मिली हुई हो."

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता टॉमी विटर का कहना है कि उन्हें नहीं लगता कि किसी अमेरिकी राजनयिक का ईमेल लीक हुआ होगा क्योंकि वे लोग जीमेल का उपयोग नहीं करते हैं.

पिछले साल अमेरिका ने दावा किया था कि जीनान के लांगजियांग वोकेशनल स्कूल तथा गूगल और 20 दूसरी कंपनियों पर हुए साइबर हमले में संबंध बनता दिख रहा है. न्यू यॉर्क टाइम्स ने यह रिपोर्ट छापी थी. हालांकि स्कूल ने इस आरोप से इनकार किया था. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने कहा, "चीन पर इस तरह के आरोप लगाने को स्वीकार नहीं किया जा सकता है." सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा है कि गूगल ने अपने आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस तर्क नहीं दिया है.

खुद भी शिकार

चीन कई बार कह चुका है कि वह हैकिंग को बढ़ावा नहीं देता है और खुद भी हैकिंग का शिकार होता रहा है. हालांकि चीन के कई हिस्सों में कंप्यूटर हैकिंग बेहद लोकप्रिय है और कई स्कूल फीस लेकर हैकिंग के बारे में जानकारी भी देते हैं. चीन में इंटरनेट सेंसरशिप के सख्त कानून हैं और इसकी वजह से वह हमेशा सवालों में घिरा रहता है.

चीन के तीन सरकार विरोधी कार्यकर्ताओं ने दावा किया है कि उनके ईमेल अकाउंट के साथ छेड़छाड़ की कोशिश की गई. हालांकि आठ दूसरों का कहना है कि उनका सब कुछ ठीक ठाक चल रहा है.

गूगल का कहना है कि पिछले साल उसके कॉर्पोरेट तंत्र पर हमला किया गया, जबकि इस बार ईमेल सेवा जीमेल पर हमला करके पासवर्ड इकट्ठा करने की कोशिश की गई. पिछले साल की घटना के बाद से गूगल ने अपनी बहुत सी सेवाएं चीन के बजाए हांग कांग से चलाने का फैसला किया है.

रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल

संपादनः महेश झा