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गोवा के मंदिर में स्कर्ट पहनकर जाने पर रोक

७ जून २०११

गोवा के ऐतिहासिक मंदिर में विदेशी सैलानी अब छोटे कपड़ों में भगवान के दर्शन नहीं कर पाएंगे. मंदिर में पूजा करने वालों की शिकायत है कि विदेशी छोटे कपड़ों में मंदिर आती हैं. जिससे उन्हें दिक्कत होती है.

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Indien/ Goa - Colva - Beach, Sonnenuntergang, Palmenstrand
तस्वीर: picture-alliance/Friedel Giert

विदेशी सैलानियों को गोवा के एक मुख्य मंदिर में जाने पर रोक लगा दी गई है. श्रद्धालुओं द्वारा विदेशियों के छोटे कपड़े पहनने और उनके आचरण पर नाराजगी जताए जाने के बाद यह फैसला किया गया है. गोवा की राजधानी पणजी से 20 किलोमीटर दूर महालसा नारायणी मंदिर के अधिकारियों का कहना है यह फैसला श्रद्धालुओं की शिकायत के बाद किया गया है. श्रद्धालुओं की शिकायत है कि विदेशी सैलानी खासकर महिलाएं ठीक ढंग से कपड़े नहीं पहनकर आती हैं.

मंदिर में छोटे कपड़े नहीं

इसके अलावा मानगुएशी गांव और पोंडा गांव में स्थित दो और ऐतिहासिक मंदिरों ने भी ड्रेस कोड लागू कर दी है. महालासा नारायणी मंदिर के अध्यक्ष विनोद कामत के मुताबिक, "हम विदेशियों के मंदिर आने के खिलाफ नहीं हैं, मगर मंदिर में उनके कपड़े और आचरण आपतिजनक होते हैं, इसलिए मंदिर प्रशासन को उन्हें प्रतिबंधित करना पड़ा."

Angelegtes Boot bei Rajbagh in Goa, aufgenommen 1999.
तस्वीर: picture-alliance/dpa

मंदिर में अनुशासन जरुरी

कामत के मुताबिक विदेशी मंदिर में देवी को चढ़ाए जाने वाली माला खुद पहन लेते हैं और बाद में उसे चढ़ाते हैं. कामत कहते हैं कि मंदिर में थोड़ा अनुशासन होना जरूरी है. मानगुएशी मंदिर के अध्यक्ष जयंत मंदुरकर के मुताबिक, "सैलानी छोटी स्कर्ट, शॉर्ट्स और भड़कीले कपड़े पहनकर आते थे. घरेलू पर्यटक भी कभी कभी इस तरह के कपड़े पहनकर आते हैं." हर साल गोवा में करीब चार लाख विदेशी सैलानी वहां के समुद्री किनारों और शांति का आनंद लेने आते हैं. 2010 में राज्य पर्यटन विभाग ने गोवा के प्रचार के लिए बिकनी में महिलाएं के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. लेकिन इसी साल अप्रैल में उन्होंने मन बदलते हुए विदेशी सैलानियों को आकर्षित करते हुए बिकनी में विज्ञापन बनवाया.

रिपोर्टः एएफपी/आमिर अंसारी

संपादन: महेश झा

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