ग्रीक कर्ज संकट के साए में जी20 बैठक
२ नवम्बर २०११जी20 शिखर बैठक से पहले भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि यूरो जोन के कई देशों के कर्ज संकट की वजह से विश्व अर्थव्यवस्था के लिए भी चिंता पैदा हो गई हैं. यूरोप में कर्ज संकट की बड़ी वजह ग्रीस को माना जा रहा है, जिसके लिए दूसरे राहत पैकेज पर पिछले दिनों ब्रसेल्स में कड़ी मशक्कत के बाद यूरोपीय नेताओं के बीच सहमति बनी. लेकिन सोमवार को ग्रीक प्रधानमंत्री जॉर्ज पापांद्रेऊ ने यह कह सनसनी फैला दी कि यूरोपीय राहत ऋण और बचत योजना पर जनमतसंग्रह कराया जाएगा. बुधवार को ग्रीक मंत्रिमंडल ने इस फैसले को अपनी मंजूरी दे दी.
जी20 शिखर सम्मेलन से पहले यूरोपीय नेताओं ने ग्रीक प्रधानमंत्री को जनमत संग्रह के अपने फैसले पर सफाई देने के लिए तलब किया. यूरो जोन के कर्ज संकट को हल करने के लिए खास तौर से जद्दोजहद कर रहे जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल और फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजी बुधवार को ही कान पहुंच गए. जर्मनी ने ग्रीस से अपील की है कि वह यूरोजोन और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से किए गए अपने वादों पर टिका रहे और जनमत संग्रह के जरिए डील को खतरे में पड़ने से बचाए.
अंतरराष्ट्रीय राहत ऋण हासिल करने के लिए ग्रीस को सरकारी बचत के कड़े फैसलों को लागू करना होगा जिसके कारण आम लोगों के वेतन, पेंशन और सरकारी सुविधाओं में भारी कटौती होगी. इसके खिलाफ ग्रीस में लोग उग्र विरोध जता रहे हैं. इसीलिए यूरोपीय संघ के नेताओं को डर है कि जनमत संग्रह में उस राहत योजना को ठुकराया जा सकता है जिस पर बड़ी मशक्कत के बाद पिछले दिनों सहमति बनी.
"काफी कुछ करने की जरूरत"
औद्योगिक और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी20 की बैठक में ग्रीस के कर्ज संकट से निपटने के लिए यूरोपीय संघ की योजना पर ही ज्यादातर चर्चा होगी. भारतीय प्रधानमंत्री सिंह कहते हैं, "कान के सम्मेलन में मजबूत और समन्वित सोच का संकेत देना बहुत जरूरी है ताकि विश्व अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके."
सिंह ने कहा कि यूरोपीय संघ और यूरो जोन के कुछ दिनों पहले हुए शिखर सम्मेलनों से बाजार में विश्वास बहाल करने में मदद मिली है, लेकिन अभी काफी कुछ और किए जाने की जरूरत है. यह जरूरी है कि यूरोप और दूसरी जगहों पर आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए मुश्किल फैसलों को तेजी से लिया जाए. यूरो जोन के संकट पर इसे मनमोहन सिंह का सबसे कड़ा बयान समझा जा रहा है.
यूरोपीय नेता चीन और दूसरी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को यूरो जोन की राहत योजना यानी यूरोपीय वित्तीय स्थिरता सुविधा (ईएफएसएफ) में निवेश करने की दावत दे रहे हैं. चीन इकलौता ऐसा देश है जिसके पास इसमें योगदान देने के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन हैं. लेकिन उसने अभी तक कोई ऐसा वादा नहीं किया है कि वह राहत योजना में अपना पैसा लगाएगा. ब्राजील ने कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के जरिए यूरोजोन की मदद कर सकता है, लेकिन उसने यह भी कहा है कि संकट का समाधान तो यूरोपीय नेताओं के हाथ में ही है. मनमोहन सिंह यूरो जोन के संकट को सुलझाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहते हैं, "यूरोप की समृद्धि में ही हमारी समृद्धि छिपी है."
चाक चौबंद सुरक्षा
जी20 देशों के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के लिए ग्लैमरस रिविएरा रिजॉर्ट को किले में तब्दील किया गया है. फ्रेंच पुलिस ने जी20 देशों की शिखर बैठक के लिए आ रहे विश्व नेताओं की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं. हजारों पुलिसकर्मियों को भूमध्यीय तट पर भी तैनात किया गया है ताकि 30 किलोमीटर दूर नीस से आने वाले प्रदर्शनकारियों को रोका जा सके. पुलिस किसी भी विरोध प्रदर्शन के दौरान झड़प से शिखर बैठक में आने वाली बाधा को रोकना चाहती है.
दो दिन तक चलने वाले सम्मेलन के दौरान समंदर में नौका चलाने पर भी पाबंदी होगी. स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है. आम लोगों के न होने की वजह से आसपास के रेस्त्रां भी बंद कर दिए गए हैं. फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजी और जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल बुधवार को ही कान पहुंच गए जहां उनकी मुलाकात ग्रीक अधिकारियों से हुई. सारकोजी ने चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ के साथ रात्रिभोज भी किया.
रिपोर्ट: एएफपी, रॉयटर्स/ए कुमार
संपादन: महेश झा