ग्रीस को एक और सहायता पैकेज
२२ जुलाई २०११जर्मनी की मांग थी कि दूसरे बचाव पैकेज में गैर सरकारी बैंकों को भी शामिल किया जाए. चांसलर अंगेला मैर्केल अपनी मांग मनवाने में कामयाब रहीं. सहायता पैकेज में निजी बैंकों की भागीदारी 37 अरब डॉलर की होगी. यूरो जोन के नेता इस पर भी सहमत रहे कि अमेरिकी प्रभुत्व वाली रेटिंग एजेंसियों की सत्ता का मुकाबला करने के लिए यूरोपीय रेटिंग एजेंसी बनाने का प्रयास जारी रहेगा.
संयुक्त बयान के अनुसार ग्रीस को यूरोपीय संकट कोष से 3.5 फीसदी के ब्याज पर नया कर्ज मिलेगा. कर्ज की अवधि वर्तमान के साढ़े सात साल के मुकाबले 15 से 30 साल होगी. पुराने बचाव पैकेज से दिए गए कर्ज की अवधि भी बढ़ा दी जाएगी. यूरोपीय आयोग की मदद से चलाया जाने वाला आर्थिक और निवेश कार्यक्रम ग्रीस को फिर से पांवों पर खड़ा होने में मदद देगा. गैर सरकारी बैंक क्षेत्र स्वैच्छिक रूप से कई विकल्पों के साथ बचाव पैकेज में भाग लेगा. वह 2014 तक 37 अरब डॉलर की मदद करेगा. इसके अलावा कर्जों की फिर से खरीद पर 12.6 अरब यूरो खर्च किए जाएंगे.
यूरोपीय संकट कोष को नई जिम्मेदारियां दी जा रही हैं. भविष्य में उसका इस्तेमाल सख्त शर्तों पर सरकारी बांड खरीदने के लिए भी किया जा सकेगा. ग्रीस के अलावा पुर्तगाल और आयरलैंड के लिए भी कोष से कर्ज लेने की शर्तें लागू होंगी.
यूरो जोन के राज्य व सरकार प्रमुखों ने इलाके के देशों की अर्थव्यवस्था को काबू लाने के कदम तय किए हैं. 2013 तक बजट घाटे को कम कर 3 फीसदी से नीचे लाने का इरादा है. 2012 में ही ऐसा करने के इटली के इरादे की सराहना की गई. यूरो नेताओं ने स्पेन के सुधारों की भी सराहना की है.
यूरोप में आर्थिक प्रसाशन लागू करने की योजना पर यूरो क्षेत्र के देशों ने फिर से जोर दिया है. जुलाई में अध्यक्ष बने पोलैंड को यूरोपीय संसद के साथ गतिरोध में पड़ी बातचीत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है. राज्य व सरकार प्रमुखों ने रेटिंग एजेंसियों की ताकत को कम करने पर भी सहमति जताई है. इसके अलावा संकट प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए परिषद अध्यक्ष हरमन फान रॉमपॉय, आयोग प्रमुख होजे मानुएल बारोसो और यूरो ग्रुप के प्रमुख जाँ क्लोद युंकर को ठोस प्रस्ताव देने को कहा गया है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ओ सिंह