ग्रीस को सहारे के बाद राहत की सांस
२२ जुलाई २०११पहली बार ऐसा हुआ है कि निजी क्षेत्र को भी बेलआउट में शामिल किया गया है. बैंकें इस बेलआउट में 37 अरब यूरो देंगी. जर्मनी में सत्तारूढ़ सीडीयू की सहयोगी पार्टी सीएसयू के अध्यक्ष होर्स्ट सेहोफर ने चांसलर अंगेला मैर्केल की तारीफ करते हुए कहा, "मेरे लिए सबसे अहम उपाय है कि हम यूरो को लंबे समय के लिए स्थिर कर सकें. मुझे लगता है कि इस मामले में चांसलर बहुत अच्छा काम कर रही हैं. पिछले कुछ हफ्तों के दौरान उनके साथ अन्यायपूर्ण बर्ताव किया गया."
ज्यादा समय
ग्रीस को राहत फंड से कर्ज मिलेगा और इसे चुकाने के लिए उसे ज्यादा समय भी दिया जाएगा. गले की फांस को ढीला करने के लिए ब्याज दर भी कम कर दिया गया है. इस नुकसान के कारण लेनदार अपने कर्ज का एक हिस्सा माफ कर देंगे और तो और निजी लेनदार भी. निजी क्षेत्र ने भी सहमति दी है कि वह भी इस कर्ज का एक हिस्सा देंगे. जर्मनी और कुछ छोटे देशों ने इसकी सहमति दी है. फ्रांस हालांकि अपने निजी बैंकों को कर्जदारी में लपेटने के लिए तैयार नहीं था क्योंकि उसके बैंकों ने ग्रीस में पहले ही बहुत निवेश कर रखा है.
विपक्ष नाखुश
जर्मनी की वामपंथी पार्टी डी लिंके के प्रतिनिधि क्लाउस एर्न्स्ट कहते हैं कि प्राइवेट बैंकों की भागीदारी ज्यादा नहीं है. "जैसा कि हम सुन रहे हैं, निजी निवेशकों के लिए स्वैच्छिक भागीदारी की बात कही गई है. लेकिन इसके लिए साफ नियम होने चाहिए ताकि ताकि इस मोनोपोली खेल में जिन्होंने सचमुच कमाई की है ऐसे बैंक भुगतान के लिए जवाबदेह हों."
विपक्षी दल की भूमिका निभाते हुए एसपीडी ने सरकार के बेलआउट पैकेज पर आशंका जताई है, एसपीडी पार्टी के अध्यक्ष सिगमार गाब्रिएल कहते हैं, "हमें सच में कर्ज में कटौती करनी होगी. अभी हम कर्ज लौटाने की अवधि बढ़ा रहे हैं, ब्याज कम कर रहे हैं. अभी फिर से कर्ज देने से ग्रीस की स्थिति में कोई अंतर नहीं आ जाएगा कि वह कर्ज लौटा सके." एफडीपी के फ्रांक शेफर भी इसकी आलोचना करते हैं कि देश इस बात पर राजी हुए हैं कि वे कर्ज का एक हिस्सा छोड़ देंगे.
दूसरों को फायदा
ग्रीस को 109 अरब यूरो का कर्ज मिलने वाला है ताकि वह देश के 340 अरब यूरो के कर्ज को धीरे धीरे कम कर सके. यूरोपीयन फाइनेन्शियल स्टैबिलिटी फैसिलिटी (ईएफएसएफ) और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को यह धन मुहैया करवाना है लेकिन साढ़े चार नहीं साढ़े तीन फीसदी की ब्याज दर पर और कर्ज लौटाने की अवधि 30 साल की खींची जा सकती है.
कर्ज की नई शर्तों से ग्रीस ही नहीं पुर्तगाल, आयरलैंड को भी फायदा होगा. यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष होसे मानुएल बारोसो ने कहा, हम ईएफएसएफ में काफी महत्वाकांक्षी बदलाव पर राजी हुए हैं जो इसे लचीला और प्रभावी बना रहे हैं.
स्थिरता के लिए
इस सुधार के बाद ईएफएसएफ ग्रीस के लोन को बैंकों और यूरो जोन के देशों से खरीद सकेगा ताकि ग्रीस में स्थिरता बने. साथ ही प्राइवेट सेक्टर ने सहमति दी है कि ग्रीस स्वैच्छिक रूप से इस बेलआउट को समर्थन देगा. इससे बैंकों को कम से कम 20 फीसदी का नुकसान होगा.
बदलाव की इस प्रक्रिया में एक दौर ऐसा हो सकता है जब ग्रीस में नकदी का संकट पैदा हो जाए. कोशिश है कि यह समय कम से कम किया जा सके. और रेटिंग एजेंसी ग्रीस को डी यानी डिफॉल्ट ग्रेड से हटा कर ऊपर कर दे. इसके लिए यूरोपीय सेंट्रल बैंक में यूरो देशों को सिक्यूरिटी जमा करनी होगी. इससे ग्रीस को और दूसरी बैंकों को दीवालिया होने से बचाया जा सकेगा.
फ्रांस की सरकार के विपरित जर्मनी ने फैसला किया है कि यूरो मुद्रा की स्थिरता और ग्रीस के राहत पैकेज में निजी बैंकें शामिल होंगी और करदाताओं का पैसा कम से कम इस्तेमाल होगा.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे
संपादनः ए जमाल