ग्रीस चुनाव से विश्व नेता संकट में
१५ जून २०१२जर्मन केंद्रीय बैंक के प्रमुख येंस वाइडमान ने ग्रीस की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए यूरोपीय संघ कानूनों में और ढील लाने की बात को बिलकुल खारिज कर दिया है. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि ग्रीस को पहले से ही उसके उधारों में बहुत ज्यादा ढील दे दी जा चुकी है और उसे अपने बजट को और दुरुस्त करने के लिए भी ज्यादा वक्त मिला है. उन्होंने कहा, "ग्रीस को बाकी देशों के मुकाबले और सहयोग मिला है. इस ढांचे को और ढीला करना सही नहीं है." जर्मनी के केंद्रीय बुंडेसबैंक के प्रमुख का कहना है कि अगर ग्रीस अपने उधार की शर्तों पर दोबारा बहस करना चाहेगा तो आर्थिक संकट में पड़े बाकी यूरो देश भी ऐसा करने के दबाव में आ जाएंगे. वाइडमान ने कहा, "मुझे लगता है कि यह नीति बहुत खतरनाक साबित होगी. यह उन देशों को नुकसान पहुंचाएगी जो चुपचाप सुधारों को कार्यान्वित कर रहे हैं." वाइडमान के मुताबिक नई ग्रीक सरकार को पुराने समझौतों की इज्जत करनी पड़ेगी. अगर ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें फिर से आर्थिक मदद देने के कोई आधार नहीं बचेंगे. और तो और, देश को यूरो से बाहर करने की बात आ जाएगी.
चुनावी वादे
उधर ग्रीस के वामपंथी सिरिजा दल के नेता आलेक्सिस सिप्रास ने वादा किया है कि वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आईएमएफ के साथ उधारों के लिए मंजूर की गई शर्तों पर दोबारा बातचीत करेंगे और शुरुआती समझौते को पूरी तरह बदल देंगे. सिप्रास ने कहा, "बेलाउट समझौता पुराना हो चुका है. सोमवार तक यह इतिहास हो जाएगा." सिप्रास की पार्टी ग्रीस के लिए यूरोपीय संघ के साथ नए आर्थिक समझौते पर बात करेंगे ताकि बचत के लिए बनाई गई नई श्रम नीतियों को खत्म किया जा सके. सिप्रास के मुताबिक अगर यह समझौता रद्द कर दिया गया तो इसका मतलब होगा कि यूरोपीय संघ ग्रीस को, उसके लोगों और उस पूरे राष्ट्र को खत्म करना चाहता है. सिरिजा के खिलाफ न्यू डेमोक्रेसी पार्टी लड़ रही है. उसके प्रमुख आंतोनिस सामारास को पूरा विश्वास है कि वह एक गठबंधन सरकार बनाने में कामयाब होंगे. उनका कहना है कि उनकी पार्टी के नेतृत्व में ग्रीस यूरो में रहेगा और यूरोप के साथ खिलवाड़ नहीं करेगा. उसने सिप्रास की नीतियों को "कॉमिक्स" वाली नीतियां बताई हैं.
ग्रीस में राजनीतिक हलचल ने अपना असर विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर करना शुरू कर दिया है.
जी20 बैठक से पहले ब्रिटेन ने एलान किया कि वह अपने बैंकों में कैश फ्लो को बढ़ा रहे हैं. बाकी जी20 देशों ने भी कहा है कि उनके केंद्रीय बैंक बाजार में और मुद्रा लाने के लिए तैयार हैं. रोम में फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद ने कहा है कि यूरो क्षेत्र के देशों को सदस्य देशों को बचाने के लिए नए तरीके निकालने होंगे और एक साझा फंड तैयार करना होगा."हमें रचनात्मक तरीके से और अपनी कल्पना का इस्तेमाल करते हुए नए वित्तीय कदम सोचने होंगे. वित्तीय एकीकरण के लिए कई विकल्प हैं, जैसे कि वित्तीय लेन देन टैक्स, यूरो बॉन्ड और साझा उधार." हालांकि जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने इस तरह के "चमत्कारी" सुझावों से मना कर दिया है और कहा है कि यह जर्मन संविधान का उल्लंघन होंगे.
एमजी/एमजे(एएफपी, रॉयटर्स)