ग्रैमी के 'हक़दार हैं' एआर रहमान
१ फ़रवरी २०१०रहमान की बहन रेहाना ग्रैमी अवॉर्ड जीते जाने से ख़ुश हैं और उन्होंने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया," मेरी मां ने मुझे फ़ोन किया और बताया कि रहमान को दो ग्रैमी अवॉर्ड मिले हैं. मैं बहुत ख़ुश हूं. पिछले साल पहली बार जब वह गोल्डन ग्लोब के लिए नामांकित हुए थे तो उन्हें उम्मीद नहीं थी लेकिन मैंने ही उन्हें कहा था कि आप ज़रूर जीतेंगे. उसके बाद से तो अवॉर्ड का तांता लग गया है. यह उनकी कड़ी मेहनत और लगन की जीत है."
जय हो गाने को रहमान ने अपने संगीत से संजोया था तो सुखविंदर ने अपने सुरों से. सुखविंदर का भी कहना है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर रहमान को पहचान मिलनी ही थी. "मैं संगीत जगत को बधाई देना चाहता हूं. रहमान इसके काबिल हैं. मैंने उन्हें कई बार बताया है कि उन्हें ग्रैमी मिलना चाहिए. रोज़ा फ़िल्म से अब तक का सफ़र उनका बड़ा ख़ास रहा है."
जाने माने गीतकार और जय हो लिखने वाले गुलज़ार ने रहमान को तुरंत बधाई संदेश भेजा. "मैंने उन्हें बताया कि अब वह दोहरी कामयाबी के आदी होते जा रहे हैं. ऑस्कर भी दो और अब ग्रैमी भी दो मिले."
फ़िल्म निर्देशकर सुभाष घई का मानना है कि रहमान ने ग्रैमी जीतक संगीत जगत में भारत को गर्व करने का मौक़ा दिया है. निर्देशक शेखर कपूर ने रहमान की प्रशंसा करते हुए कहा कि बॉलिवुड के बाद अब रहमान हॉलिवुड में सफलता के नए प्रतिमान रच रहे हैं.
साउंड आर्टिस्ट रसूल पोकुट्टी ने स्लमडॉग मिलियनेयर के लिए ही ऑस्कर अवॉर्ड जीता था. पोकुट्टी का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि रहमान को ग्रैमी ज़रूर मिलेगा. "यह एक विलक्षण जीत है लेकिन ऐसा नहीं है कि इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी. रहमान को जो भी पुरस्कार मिलता है उसके वह हक़दार होते हैं. पूरी दुनिया में स्लमडॉग मिलियनेयर के संगीत ने लोकप्रियता हासिल की है. रहमान की जीत दिखाती है कि भारत सृजनात्मकता के क्षेत्र में भी एक ताक़त के रूप में उभर रहा है."
44 वर्षीय रहमान को मद्रास का मोत्जार्ट कहा जाता है और वह ऑस्कर पुरस्कारों में भी अपना लोहा मनवा चुके हैं. ग्रैमी के लिए उन्हें दो श्रेणियों में नामांकित किया गया था और उन्होंने दोनों में अवॉर्ड हासिल किया. बेस्ट साउंडट्रैक के लिए स्लमडॉग मिलियनेयर ने ग्रैमी जीता जबकि बेस्ट सॉन्ग के वर्ग में उनके गाने जय हो ने धूम मचाई.
अपने नाम की घोषणा होने के बाद रहमान बेहद ख़ुश नज़र आ रहे थे और ग्रैमी स्वीकार करते समय उन्होंने कहा, "ईश्वर महान है." दोहरी जीत के बाद रहमान ने दार्शनिक अंदाज़ में कहा कि पुरस्कारों की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. जब अवॉर्ड अचानक मिलते हैं तो यह बहुत बढ़िया होता है. अचम्भे में डाल देने वाला बहुत अच्छा अनुभव.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: प्रिया एसेलबोर्न