घर में घुसा तेंदुआ लोगों पर झपटा
८ जनवरी २०१२गुवाहाटी के व्यस्त इलाके में दो घंटे तक आतंक का माहौल रहा. ट्रैफिक रूट बदलने पड़े. इतनी देर में चार लोग घायल हो चुके थे. तेंदुएं के नुकीले दांतों और ब्लेड जैसे पंजों ने उन्हें लहुलूहान कर दिया. चश्मदीद नीपु दास के मुताबिक, "तेंदुए को घर के भीतर देखकर हम हक्के बक्के रह गए. थोड़ी देर बाद तेंदुएं ने हमला करना शुरू कर दिया."
लोगों की भीड़ जुट गई और घबराया तेंदुआ एक घर से दूसरे घर की ओर भागने लगा. दो घंटे बाद चिड़ियाघर से बचाव टीम आई. तेंदुएं पर बंदूक से बेहोशी का इंजेक्शन मारा गया. बचाव टीम जंगल से भटक कर शहर पहुंचे तेंदुए को अपने साथ ले गई.
अधिकारियों के मुताबिक तेंदुआ पास के ही जंगल से आया. भटक कर इंसानी बस्ती में पहुंचा तेंदुआ भीड़ भाड़ देखकर सहम गया और डर के मारे घर में छुप गया. तेंदुएं को अपने घर के भीतर देख लोग भी घबरा गए. तेदुएं को खतरे का एहसास हुआ और घबराया जानवर जान बचाने के लिए हमला करने लगा.
भारत में तेंदुए का इंसानी बस्तियों में घुसना अब नयी बात नहीं रह गई है. तेजी से कटते जंगलों की वजह से जंगली जानवरों को खासी परेशानी हो रही है. मांसाहारी जानवरों को शिकार की तलाश में अक्सर इंसानी बस्तियों का रूख करना पड़ रहा है. जंगल में उनके लिए शिकार ढूंढना तक मुश्किल हो रहा है. तेंदुए अकसर कुत्ते और बकरी के चक्कर में इंसानी बस्ती की तरफ आते हैं. जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे प्रदेशों में बीते कुछ सालों में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं.
रिपोर्ट: डीपीए/ओ सिंह
संपादन: एम गोपालकृष्णन