चमत्कारी पट्टियों से मिलता मेडल
१० अगस्त २०१२बोलचाल की भाषा में इसे काइनेसियो कहते हैं. ये एक खास तरह की पट्टी होती है जो दर्द से राहत देती है और मांसपेशियों में होने वाले खिंचाव को दूर करती है. इसकी खोज जापान के केन्जो कासे नाम के डॉक्टर ने आज से 30 साल पहले की थी. इसी के नाम पर इसे काइनेसियो कहते हैं.
डॉक्टर कासे कहते हैं, "ये पट्टियां आसानी से चिपक जाती हैं. इन्हें इस तरह से तैयार किया गया है कि ये खिलाड़ियों की गति को प्रभावित किए बिना मांसपेशियों को सहारा देती हैं. इसका तरीका ये है कि चमड़ी को उचित दबाव के साथ उठा दिया जाए. इससे खून का प्रवाह भी बना रहता और जलन भी नहीं होती." हालांकि कुछ वैज्ञानिक ऐसे भी हैं जो इन पट्टियों की उपयोगिता पर सवाल उठा रहे हैं.
बर्लिन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जॉन ब्रीवर कहते हैं, "एक वैज्ञानिक के तौर पर मैं इन पट्टियों के काम करने का तरीका समझने में असफल रहा हूं. खास तौर पर उस दावे को तो बिल्कुल नहीं समझ सकता जिसमें कहा गया है कि ये चमड़ी को ऊपर उठा देती है जिससे खून के प्रवाह में आसानी होती है." वैज्ञानिक भले ही सवाल उठा रहे हैं लेकिन ऐसे खिलाड़ियों की कमी नहीं जो डॉक्टर कासे के इलाज पर यकीन करते हैं. टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच और डेविड बेकहम इन पट्टियों का इस्तेमाल करते थे. जर्मनी के टेबल टेनिस के जाने माने खिलाड़ी योखेन वॉलमर्ट कहते हैं, "इस बारे में कोई प्रामाणिक शोध नहीं है कि ये पट्टियां किस तरह दर्द दूर करती हैं लेकिन जहां तक मेरी बात है इस बात पर यकीन करता हूं कि ये मददगार हैं."
डॉक्टर कासे कहते हैं, "ओलंपिक खिलाड़ी सौ फीसदी प्रदर्शन करना चाहते हैं इसके लिए उन्हें खेल के दौरान सहारे और आराम की जरूरत होती है और मेरी पट्टियां ऐसा ही करती हैं." हालांकि ये भी है कि इन पट्टियों का असर ज्यादा गहराई तक नहीं होता क्योंकि ये चमड़ी के ऊपर चिपकी रहती हैं. खेल विज्ञानी ब्रीवर कहते हैं, "कई मांसपेशियां, जो शरीर की गति के लिए जिम्मेदार होती हैं काफी नीचे होती हैं. वो तंतुओं के सहारे हड्डियों से जुड़ी होती हैं जो कि शरीर के काफी नीचे होता है. ये कैसे हो सकता है कि चमड़ी पर चिपकी कुछ पट्टियां चोट से खिलाड़ियों को राहत देती हैं या फिर उनके प्रदर्शन को बेहतर बना सकती हैं."
रिपोर्टः जेसी विनगार्ड/वीडी
संपादनः ए जमाल