चांद पर इंसानी बस्तियां संभवः नायर
१८ फ़रवरी २०१०एशियानेट न्यूज़ चैनल की तरफ़ 'मलयाली 2009' पुरस्कार दिए जाने के मौक़े पर नायर ने कहा कि भारत के चंद्रयान-1 मिशन ने चंद्रमा के ध्रुवीय इलाक़े में बड़ी मात्रा में पानी का पता लगाया, जिससे वहां ऑक्सीजन को हाइड्रोजन से अलग करने की संभावना भी पैदा होती है. हाइड्रोजन को ईंधन की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है जबकि ऑक्सीजन चांद पर जीवन को सहारा दे सकती है.
नायर ने कहा कि इंसानों को चांद पर बसने के लिए भेजने से पहले वहां रोबोट भेजे जा सकते हैं ताकि वे यह पता लगा सकें कि चंद्रमा का धरातल इंसानी बस्तियां बसाने के लायक़ है या नहीं. इसरो के प्रमुख ने कहा, "चंद्रमा पर पानी की खोज के ज़रिए भारत ने दुनिया को एक बड़ा महत्वपूर्ण वैज्ञानिक सत्य बताया है."
चंद्रयान-1 मिशन ने पाया कि चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र में लगभग एक लाख टन पानी है. नायर ने कहा कि चंद्रयान 1 से अंतरिक्ष अभियानों के दौरान अंतरराष्ट्रीय सहयोग की कुशलता भी साबित होती है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः महेश झा