चांद से आगे मंगल की तरफ़ बढ़ा भारत
३१ अगस्त २००९भारतीय अंतिरक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के प्रमुख माधवन नायर ने गोवा की राजधानी पणजी में इस बात का एलान किया. उन्होंने कहा, "हमने विभिन्न वैज्ञानिक समुदायों से प्रस्ताव मंगाए हैं. इसके बाद तय किया जाएगा कि हम किस तरह के प्रयोग करना चाहते हैं. और तब मिशन की रूप रेखा तैयार की जाएगी." उम्मीद है कि भारत 2013 से 2015 के बीच मंगल ग्रह के लिए अपना अभियान शुरू कर दे.
नायर ने बताया कि फ़िलहाल इस मिशन का ख़ाका ही तैयार किया जा रहा है और चंद्रयान-2 के बाद ही इस पर काम होगा. भारत का पहला चांद मिशन चंद्रयान-1 वक्त से पहले पिछले हफ़्ते ख़त्म हो गया था, जब चंद्रयान का संपर्क धरती पर से टूट गया. हालांकि इसरो का दावा है कि इसने अपना 95 फ़ीसदी काम पूरा कर दिया.
भारतीय अंतरिक्ष संगठन ने बताया कि चांद की तरह मंगल पर भेजा जाने वाला मिशन भी कम लागत का होगा. भारत का चंद्रयान 10 करोड़ डॉलर से भी कम लागत पर तैयार हुआ था. माधवन नायर गोवा में कम ख़र्च पर ग्रहीय मिशन कांफ्रेंस में हिस्सा ले रहे हैं.
भारत ने पिछले साल अक्तूबर में अपना सबसे बड़ा अंतरिक्ष अभियान शुरू किया था, जब उसने चंद्रयान-1 को चांद की कक्षा में भेजा था. इसका कार्यकाल दो साल का था लेकिन पिछले महीने ही इसके सेंसर में ख़राबी आ गई थी. इसरो ने तभी एलान कर दिया था कि चंद्रयान अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगा. महीने भर बाद ही चंद्रयान का धरती पर से रेडियो संपर्क टूट गया और इसके साथ ही भारत ने पहले चांद मिशन ख़त्म होने का एलान कर दिया. इसरो का दावा है कि तकनीकी तौर पर उनका यह अभियान 100 फ़ीसदी सफल रहा.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः महेश झा