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चिदंबरम और पिल्लई की जान को खतरा

२० जुलाई २०१०

भारत के गृह मंत्री पी चिदंबरम और गृह सचिव जी के पिल्लई के साथ एके 47 थामे सिक्युरिटी गार्ड्स तब भी रहेंगे जब वे अपना रोजमर्रा का सामान्य काम कर रहे होंगे. उनकी सुरक्षा में भारी बढ़ोतरी की गई है.

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माओवादियों के निशाने पर हैं चिदंबरमतस्वीर: UNI

ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि सरकार को लगता है कि उनकी जान को माओवादियों से खतरा है. आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को दिल्ली में बताया कि खुफिया एजेंसियों ने माओवादियों के कुछ संदेश पकड़े हैं, जिनमें सीपीआई (माओवादी) के प्रवक्ता चेरकुरी राजकुमार उर्फ आजाद की मौत का बदला लेने की बात कही गई है.

सूत्रों के मुताबिक इस बातचीत में माओवादी दिल्ली में बैठे शासकों के खिलाफ कुछ अद्भुत करने की बातें करते सुनाई दिए हैं. इसके बाद ही खुफिया एजेंसियों की सलाह पर चिदंबरम और पिल्लई की सुरक्षा बढ़ाई गई है.

इससे पहले चिदंबरम और पिल्लई के साथ जो सुरक्षा गार्ड्स रहते थे उनके पास छोटे हथियार होते थे. इसके अलावा सुरक्षा गार्ड्स की संख्या में भी बढ़ोतरी की गई है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चिदंबरम या पिल्लई जिन भवनों में जाएंगे वहां कड़ी सुरक्षा की जाएगी और गहन तलाशी ली जाएगी.

आजाद को आंध्र प्रदेश पुलिस ने महाराष्ट्र के साथ लगते जंगलों में मार गिराया था. हाल के बरसों में पुलिस के हाथों मरने वालों में आजाद सबसे बड़े माओवादी नेताओं में से थे. माओवादियों ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने आजाद को पकड़ कर मारा है. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः महेश झा