चीनी दुनिया के बड़े आर्थिक जासूस
२० मई २०१२पेंटागन ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है "चीनी दुनिया के सबसे सक्रिय और दृढ़ आर्थिक जासूसी अपराधी हैं. अमेरिकी तकनीकी और आर्थिक सूचना इकट्ठा करने का चीनी प्रयास उच्च स्तर पर जारी रहेगा और अमेरिकी आर्थिक सुरक्षा के लगातार बढ़ता खतरा होगा." अमेरिका के रक्षा सहायक सचिव डेविड हेल्वी ने यह तो नहीं कहा कि चीन की सरकार साइबर घुसपैठ के खिलाफ है, लेकिन इस आरोप को दुहराया कि घुसपैठ चीन से हो रही है. अमेरिकी रिपोर्ट का कहना है कि सेना के आधुनिकीकरण का मुख्य लक्ष्य कम्युनिस्ट पार्टी के शासन की रक्षा और ताइवान के साथ झगड़े के लिए तैयार रहना है. पेंटागन ने अमेरिकी कांग्रेस को चीन की सेना पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट में एडवांस मिसाइल तकनीकीऔर साइबर युद्ध क्षमता में नियमित निवेश की बात कही है और चेतावनी दी है कि चीन की जासूसी अमेरिका की आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरा है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने सैनिक तैयारियों पर 2011 में 180 अरब डॉलर खर्च किए. यह राशि चीन से दिए गए आंकड़ों से कहीं ज्यादा है. चीन ने इस रिपोर्ट को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए कहा है कि अमेरिका चीन के सैनिक खतरे का सिद्धांत फैला रहा है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लेई ने कहा, "चीन अपनी राष्ट्रीय स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा के लिए सीमित सैन्य ताकत का विकास कर रहा है. किसी देश को घबराने की जरूरत नहीं है यदि वह चीन से दुश्मनी नहीं चाहता."
ज्यादा जानकारी
पेंटागन की वार्षिक रिपोर्ट पर पत्रकारों को जानकारी देते हुए हेल्वी ने कहा, जैसे जैसे हम उनके बारे में ज्यादा जानकारी हासिल कर रहे हैं, हमें उनके काम करने के तरीके के बारे बेहतर समझ मिल रही है और इससे हम अधिक भरोसे के साथ कह सकते हैं कि उनमें से कुछ चीन से आ रहा है. रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि जासूसी और दुहरे उपयोग वाली तकनीक की खरीद से चीन में सेना के आधुनिकीकरण में तेजी आ सकती है.
पेंटागन की रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए निवेश का विश्लेषण करने वाली संस्था कैपिटल अल्फा पार्टनर्स ने कहा है कि अमेरिका के लिए 2013-15 में ताज्जुब पैदा हो सकता है यदि चीन अपने साइबर जासूसी प्रयासों का व्यापक इस्तेमाल करे और अमेरिकी शस्त्र प्रणालियों जैसी नई शस्त्र प्रणाली की घोषणा करे.
चीन ने सैनिक विकास को खतरा बताने के लिए रिपोर्ट का विरोध किया है और कहा है कि उसकी सेना सुरक्षा के लिए है, वह किसी देश या ठिकाने पर लक्षित नहीं है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लाई ने कहा, चीन एशिया प्रशांत क्षेत्र और पूरी दुनिया में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने अमेरिका से वार्षिक रिपोर्ट का प्रकाशन बंद करने और चीन अमेरिकी सैनिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए ज्यादा प्रयास करने की मांग की.
चीन कम पारदर्शी
पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की नई रक्षा नीति की घोषणा के बाद यह पहली रिपोर्ट है. अपनी नई नीति मेंओबामा ने बचत कार्यक्रम के तहत दूसरे इलाकों में सैनिकों को कम करने के बावजूद एशिया प्रशांत इलाके में अमेरिकी प्रभाव पर जोर देने की वकालत की है. इसने बीजिंग में घबराहट पैदा की है और सेना के कुछ अधिकारी इसे चीन को घेरने की कोशिश मानने लगे हैं. पेंटागन की रिपोर्ट में चीन में कुछ हथियारों के विकास को एशिया में अमेरिकी गतिविधियों के लिए खतरा माना गया है.
चीन ने 2011 में रडार में न आने वाले अपने लड़ाकू विमान का टेस्ट किया है. हेल्वी का मानना है कि वह और विमान बनाने, उसमें हथियार फिट करने और ट्रेनिंग की जरूरतों के कारण 2018 से पहले सेवा में लेने की स्थिति में नहीं होगा, लेकिन रिपोर्ट का कहना है कि चीन का विमानवाही पोत 2015 तक ऑपरेशन क्षमता अख्तियार कर लेगा. चीन ने मार्च में कहा है कि 2012 में उसका रक्षा बजट 106 अरब डॉलर का होगा जो 2011 के मुकाबले 11.2 फीसदी ज्यादा है. पिछसे दो दशकों से चीन नियमित रूप से अपने रक्षा बजट को दुहरे आंकड़ों में बढ़ा रहा है.
पेंटागन के अनुसार रक्षा बजट का आंकड़ा अकाउंटिंग में पारदर्शिता के अभाव और कमांड अर्थव्यवस्था से निजात न पाने के कारण सही नहीं है. पेंटागन के अनुसार, "2011 की कीमतें और विनिमय दर का इस्तेमाल कर रक्षा मंत्रालय का अनुमान है कि 2011 में सैनिक से संबंधित खर्च 120 से 180 अरब डॉलर के बीच है." पेंटागन का कहना है कि चीन की परमाणु सेना का कुछ आधुनिकीकरण बजट से बाहर होता है और इसी तरह रक्षा उद्योग के लिए शोध और विकास का खर्च भी दूसरे बजट से आता है.
अमेरिकी सांसद इस समय 2013 के लिए 554 अरब डॉलर के आधारभूत रक्षा खर्च पर बहस कर रहे हैं. इसके अलावा अफगान युद्ध और दूसरे विदेशी अभियानों के लिए अलग से 88.5 अरब डॉलर का बजट है.
एमजे/एएम (रॉयटर्स, एपी)