चीन अमेरिका में अहम आर्थिक समझौता
११ मई २०११अमेरिका के वित्त मंत्री टिमोथी गाइटनर और चीन के उप प्रधानमंत्री वांग किशान ने वॉशिंगटन में दो दिन चली सालाना बैठक के बाद इस समझौते पर दस्तखत किए. गाइटनर ने इसे चीन की आर्थिक नीति में एक बड़ा बदलाव बताते हुए समझौते का स्वागत किया. उन्होंने कहा, "हमें इस बात का पूरा यकीन है कि चीनी बाजार में अमेरिकी कंपनियों को मिलने वाले मौकों में बड़ा सुधार होगा."
सालाना बैठक की सफलता
दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को बेहतर करने के मकसद से सालाना बातचीत की शुरुआत की गई है. बातचीत के तीसरे दौर के बाद दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं इस समझौते पर पहुंची हैं. इस बातचीत का नेतृत्व अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और स्टेट काउंसलर दाई बिंगुओ ने किया.
जनवरी में चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ ने अमेरिका की यात्रा की थी. तब अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मिलकर उन्होंने कुछ समझौतों के वादे किए थे. मंगलवार को हुआ अहम समझौता उन्हीं वादों पर आधारित है.
युआन पर कुछ कदम
गाइटनर ने संकेत दिया कि चीन की मुद्रा युआन को लेकर चल रहे विवाद के सिलसिले में भी कुछ तरक्की हुई है. अमेरिका और कई अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्रियों का कहना है कि चीन अपनी मुद्रा की कीमत जानबूझकर कम रखे हुए है जिस वजह से अमेरिका को व्यापार घाटा होता है. गाइटनर ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि चीन एक्सचेंज रेट को और ज्यादा तेजी से सही दिशा में बढ़ने देगा. और ऐसा उसके सभी व्यापारिक साझीदार देशों की करंसी के बारे में होगा."
अमेरिकी वित्त मंत्री ने कहा कि समझौते के तहत दोनों देशों ने जो वादे किए हैं उनमें चीन ने एलान किया है कि वह कंपनियों से ठेके पाने के बदले स्थानीय तकनीक के इस्तेमाल की मांग करना बंद करेगा. उन्होंने बताया, "चीन ने इस बात की पुष्टि की है कि अब सरकार के किसी स्तर पर घरेलू तकनीक या उत्पादों के इस्तेमाल को लेकर जोर नहीं डाला जाएगा."
अमेरिका की यह लंबे समय से शिकायत रही है कि चीन घरेलू तकनीकों और उत्पादों के इस्तेमाल के नाम पर अमेरिकी कंपनियों के लिए दरवाजे बंद कर रहा है.
चीन भी खुश
चीन ने भी इस समझौते को अहम बताया है. चीन के विदेश उप मंत्री कुई तिआनकाई ने कहा कि यह समझौता चीन अमेरिका सहयोग में मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा, "अब तक दोनों देशों ने कभी इतना विस्तृत समझौता नहीं किया था. किसी तीसरे देश के साथ भी नहीं."
युआन के बारे में कुई ने कहा, "हम चीनी हितों के साथ हैं. लेकिन दोनों देशों के बीच डॉलर की एक अंतरराष्ट्रीय करंसी के रूप में स्थिरता को लेकर बात हुई."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एस गौड़