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चीन-पाकिस्तान के रक्षा गठजोड़ से चिंतित भारत

२० मई २०११

सुरक्षा के लिहाज से भारत चीन और पाकिस्तान को चुनौती के रूप में देखता है और अब इन दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग से भारत में गहरी चिंता है. रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा है कि भारत को अपनी क्षमता और बढ़ानी होगी.

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तस्वीर: AP

चीन और पाकिस्तान के बीच रक्षा सहयोग पर जब एके एंटनी से पूछा गया तो उन्होंने कहा, "यह हमारे लिए चिंता की बात है. असल बात यह है कि हमें अपनी क्षमता बढ़ानी होगी. यही हमारा जवाब होगा." हाल के समय में ऐसी रिपोर्टें आई हैं कि चीन से पाकिस्तान को 50 नए JF-17 थंडर मल्टी रोल जेट मिलेंगे. इन जेट विमानों का उत्पादन समझौते के बाद साझा रूप से किया जाएगा.

दिल्ली में एक सम्मेलन को संबोधित करने के बाद एंटनी ने माना कि पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने का पड़ोसी देशों पर असर होगा और भारत पर भी इसका प्रभाव हो सकता है. एंटनी के मुताबिक पाकिस्तान में आतंकवादियों को शरण मिल रही है और भारत इससे चिंतित है. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान भारत से रिश्ते सुधारना चाहता है तो उसे सभी आतंकवादी गुटों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी.

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तस्वीर: AP

भारत के सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह और एयर चीफ पीवी नाइक कह चुके हैं कि अमेरिका की तरह भारत के पास भी दूसरे देश में चुनिंदा ठिकानों पर हमला करने या आतंकियों का सफाया करने की क्षमता है. रक्षा मंत्री ने सेना प्रमुखों के इन बयानों पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. एंटनी ने सवाल से बचते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस मुद्दे पर अपनी राय जता चुके हैं.

मनमोहन सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत अमेरिका जैसा हमला आतंकियों के खिलाफ दूसरे देश में नहीं करना चाहेगा. एंटनी के मुताबिक नियंत्रण रेखा पर हिंसा में कमी आई है लेकिन कभी कभी घुसपैठ की कोशिश अब भी होती है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए कुमार

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