चीन में एक और सरकार विरोधी को 10 साल की जेल
१९ जनवरी २०१२ली को ऐसे समय में सजा दी गई है जो चीन के लिए बेहद संवेदनशील है. सरकार अरब क्रांति की तर्ज पर ऑनलाइन विरोध की पहली वर्षगांठ से तनाव में है. इसके अलावा इस साल सरकार और पार्टी नेतृत्व में बदलाव भी होना है.
हांगकांग के मानवाधिकार संगठन चाइनीज ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स के अनुसार ली को उनके सरकार विरोधी लेखों और "रिएक्शनरी" वेबसाइटों पर बहस में उनकी भागीदारी के लिए सजा दी गई है. ली के एक रिश्तेदार ने नाम न बताने की शर्त पर समाचार एजेंसी एएफपी से कहा कि उन्हें केंद्रीय चीन के वुहान शहर मं बुधवार को सजा सुनाई गई.
फैसले की कॉपी देने से इंकार
रिश्तेदार ने कहा कि ली के वकील शिया ने फैसले की कॉपी देने से इंकार कर दिया. रिश्तेदार ने कहा, "उसे अदालत ने नियुक्त किया था और सुनवाई से पहले हम उससे मिले भी नहीं थे. ली ताई ने कहा है कि वह अपील करना चाहता है, इसलिए हम मदद के लिए एक नए वकील की तलाश में हैं."
ली को सजा देने वाली वुहान की अदालत ने समाचार एजेंसी एएफपी के पूछने पर मामले पर टिप्पणी करने से मना कर दिया. चाइनीज ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स ने कहा है कि ली के परिवार वालों ने पहले मानवाधिकारों पर काम करने वाले वकील जिन ग्वांगहोंग की मदद चाही थी, लेकिन उन्हें ली से मिलने नहीं दिया गया और ली पर मुकदमे के दस दिन पहले अधिकारी उन्हें पकड़ कर ले गए.
अधिकारियों ने ली के बचाव के लिए शिया की नियुक्ति की. ली पिछले एक दशक से लोकतंत्र, संवैधानिक सरकार और प्रत्यक्ष स्थानीय चुनावों के समर्थन में ऑनलाइन लेख लिखते रहे हैं.
तोड़ फोड़ के आरोप
मानवाधिकार संगठन के अनुसार पिछले अप्रैल में ली के खिलाफ चले मुकदमे में सरकारी पक्ष ने कहा कि ली के लेख उसके सरकार विरोधी विचारों को दिखाते हैं, जिसका नतीजा सरकार विरोधी गतिविधियों और तोड़ फोड़ के रूप में सामने आ सकता है. मानवाधिकार गुटों का कहना है कि तोड़ फोड़ के आरोपों का इस्तेमाल चीन में सरकार विरोधियों को जेल में डालने के लिए किया जाता है.
नोबेल पुरस्कार विजेता लिऊ शियाओबो को इन्हीं आरोपों के तहत 2009 में 11 साल कैद की सजा सुनाई गई. लंबे समय से सरकार का विरोध कर रहे चेन वाई और चेन शी को भी पिछले दिसंबर में तोड़ फोड़ के आरोपों में 9 और 10 साल कैद की सजा दी गई जबकि बुजुर्ग कार्यकर्ता झू यूफी पर भी यही आरोप लगाए गए हैं.
मानावाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनैशनल की रिसर्चर सैरा शेफर का कहना है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं को एक एक कर सजा दे रही है ताकि उन लोगों की आवाज दबाई जा सके जिसे वह अपने शासन के लिए खतरा समझती है. "हम समझते हैं कि यह निरंतर सख्ती नेतृत्व में परिवर्तन के अलावा अरब वसंत से जुडा़ हुआ है, और हम नहीं मानते कि यह जल्दी खत्म होगा."
रिपोर्ट: एएफपी/महेश झा
संपादन: एन रंजन