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चीन सरकार के विरोधी हू चिया रिहा

Priya Esselborn२६ जून २०११

चीन में सबसे अहम सरकार विरोधियों में से एक हू चिया को रिहा कर दिया गया है और रविवार सुबह वह अपने परिवार से मिले. वह देशद्रोह के आरोप में साढ़े तीन साल जेल में रहे. वह सार्वजनिक तौर पर बात करने को तैयार नहीं है.

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तस्वीर: picture-alliance/ dpa

हू को चीन में मानवाधिकारों पर लगी पाबंदियों की आलोचना करने पर 2008 में 'राष्ट्र शक्ति के उल्लंघन' की कोशिश करने का दोषी पाया गया. उनके कई समर्थक उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार का दावेदार मानते थे जो पिछले साल चीन सरकार के अन्य विरोधी लियू शियाओबो को दिया गया.

हू की पत्नी त्सेंग चियान ने रॉयटर्स को फोन पर बताया, "वह घर पर आ गए हैं और मेरे और अपने माता पिता के साथ हैं. मैं नहीं जानती कि वह बाद में बोल पाएंगे या नहीं. मुझे डर है कि इस वक्त इंटरव्यू देने से मुश्किलें हो सकती हैं. मेहरबानी करके बात को समझिए." हू चिया को निर्धारित समय पर रिहा किया गया है. इससे पहले बुधवार को चीनी कलाकार आई वेईवेई को अचानक रिहा कर दिया गया. उन्हें टैक्स चोरी के आरोपों में तीन महीने तक हिरासत में रखा गया. इस रिहाई के बाद चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ पांच दिन के यूरोप दौरे पर निकले हैं जिसमें हंगरी के बाद वह शनिवार को ब्रिटेन पहुंच गए हैं. उसके बाद वह सोमवार को जर्मनी के लिए रवाना होंगे.

China Peking Urteil Bürgerrechtler Hu Jia zu Haftstrafe verurteilt
तस्वीर: AP

विरोधियों पर कार्रवाई

फरवरी से चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी अपने विरोधियों पर कार्रवाई कर रही है. उसे डर है कि कहीं चीन में भी अरब जगत जैसी लोकतंत्र समर्थक हवा न बह निकले. जो भी सरकार विरोधी रिहा किए गए हैं उनसे अधिकारियों ने अपना मुंह बंद रखने को कहा है. हू की पत्नी और खुद मानवाधिकारों के लिए सक्रिय त्सेंग और अन्य वकीलों का कहना है कि अगर हू ने कुछ कहा तो अधिकारी उनकी आधिकारिक रिहाई के बाद उन्हें घर पर नजरबंद कर सकते हैं.

हू और त्सेंग पूर्वी पेइचिंग में बोबो फ्रीडम सिटी इलाके में रहते हैं. रविवार सुबह इस इलाके में बहुत से पुलिस अफसर गश्त लगाते दिखे. त्सेंग ने ट्विटर पर चीनी भाषा में लिखा, "रात भर जगी रही. हू चिया रात ढाई बजे घर आए. शांतिपूर्वक. बहुत खुश हूं. जिसकी कमी थी वह फिर मिल गया." बहुत से चीनी लोग नहीं जानते कि ट्विटर को कैसे पढ़ना है क्योंकि सरकार ने उस पर कई पाबंदियां लगा रखी हैं.

दलाई लामा से हमदर्दी

हू को 2007 के आखिर में गिरफ्तार किया गया और फिर उन पर राष्ट्र शक्ति के उल्लंघन के लिए मुकदमा चला. चीन सरकार अकसर इन्हीं आरोपों में अपने विरोधियों को जेल में डालती है. जब हू को सजा दी गई तो सरकारी मीडिया में कहा गया कि उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. 37 वर्षीय हू जेल जाने से पहले पर्यावरण संरक्षण के लिए मुहिम चलाते थे. साथ ही वह ग्रामीण इलाकों में एड्स पीड़ितों के लिए भी काम करते हैं. हू चीन में मानवाधिकारों पर लगी पाबंदियों के कड़े आलोचक रहे हैं. वह बौद्ध धर्म को मानते हैं और तिब्बत में बौद्ध धर्म पर चीन सरकार के नियंत्रण को पसंद नहीं करते. वह तिब्बतियों के धर्मगुरु दलाई लामा से भी सहानुभूति रखते हैं जो भारत में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़

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