छह करोड़ साल पुरानी केले की पत्तियां
३० अगस्त २०१०मंगल पंचायतन परिषद के अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि इन जीवाश्मों के अलावा उन्हें पानी से शंख के आकार के जीव जीवाश्म भी मिले हैं जो करोड़ों साल से जमीन के नीचे दफन थे. परिषद के प्रमुख विशाल वर्मा का कहना है कि यह जीवाश्म उसी जगह पर मिले हैं जहां कुछ समय पहले उनके साथियों को डायनासोर के अंडे और हड्डियां मिली थीं.
मध्य प्रदेश सरकार पहले ही इस जगह पर जीवाश्म पार्क बनाने का फैसला कर चुकी है. इस इलाके में आठ किलोमीटर के दायरे में फैली एक झील के भी प्रमाण मिले हैं. इसके ज्वालामुखी के लावा में मिल जाने के भी सबूत दिखाई पड़े हैं. वर्मा ने ऐसे 24 स्थान खोजने का भी दावा किया है जहां ज्वालामुखी का लावा जमा हुआ था.
परिषद के मुताबिक ये जीवाश्म इस बात का संकेत देते हैं कि यह क्षेत्र जैव विविधता के लिहाज से अत्यंत समृद्ध रहा है. यह परिषद पिछले कई साल से नर्मदा घाटी में रिसर्च कर रही है. चार साल पहले परिषद को धार में डायनासोर के 400 अंडे मिले. दाहोद से जबलपुर तक फैला नर्मदा का इलाका करोड़ों वर्ष पहले डायनासोर की गतिविधियों का गवाह रहा है जिसके सबूत इलाके में जीवाश्म अंडों के रूप में मौजूद हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह