जमाखोरों पर छापे पड़े, प्याज के दाम झड़े
८ जनवरी २०११समाचार एजेंसी पीटीआई का कहना है कि जब आयकर अधिकारी प्याज के जमाखोरों पर छापे मार रहे थे, तब कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर राज्य के सचिवों को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बता रहे थे कि सब्जियों पर लगने वाले स्थानीय कर जैसे चुंगी आदि में तीन महीनों के लिए छूट दी जाए.
इन सभी कदमों का फायदा यह हुआ कि देश भर के बड़े शहरों में प्याज की कीमतों में 5 से 10 रुपये प्रति किलो तक की कमी आई. इसकी एक वजह गुजरात से नई फसल के बाजार में पहुंचने की खबरें भी रहीं जिसके बाद प्यार 60 रुपये किलो पर आ गया.
केंद्र सरकार ने सस्ता प्याज बेचने की वजह से नैफेड और एनसीसीएफ को होने वाले नुकसान की भरपाई पर भी सहमति जता दी है. दोनों कोऑपरेटिव संस्थाओं ने दिल्ली में 35 रुपये किलो की दर से प्याज बेचा है.
देश में खाद्य पदार्थों की महंगाई साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी है. 25 दिसंबर को खत्म हुए हफ्ते में खाद्य मुद्रास्फीति की दर 18.32 फीसदी पर बनी हुई थी.
भारत के वित्त मंत्री मुखर्जी का कहना है, "महंगाई की एक बड़ी वजह होलसेल और रीटेल की कीमतों में बढ़ता अंतर है." भारत के मुखर्जी ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे जमाखोरों पर सख्त कार्रवाई करें और सुनिश्चित करें कि जरूरी चीजें सही वक्त पर बाजार में पहुंचें.
जमाखोरों पर कार्रवाई के तहत शुक्रवार को देश के कई राज्यों में आयकर अधिकारियों ने प्याज के होलसेल डीलरों के यहां छापे मारे. उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, गाजियाबाद, बरेली, मेरठ और कई अन्य जगहों पर छापे मारे गए." ऐसी ही कार्रवाई पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर और चंडीगढ़ में 10 बड़े व्यापारियों पर की गई. चंडीगढ़ में एक अधिकारी ने बताया, "यह कार्रवाई मुनाफाखोरी को काबू में करने के लिए की गई."
इस बीच भारत ने पाकिस्तान से भी प्याज का निर्यात रोके जाने के मुद्दे पर बातचीत शुरू कर दी है. गुरुवार को वाघा बॉर्डर 300 ट्रक रोक लिए गए थे.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए जमाल